भारत की जानी-मानी ऑल-इलेक्ट्रिक कमर्शियल ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी, ‘ईवेज (EVage)’ ने हाल ही में, अमेरिका की रेडब्लू कैपिटल फर्म से 28 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
साल 2014 में शुरू हुई यह कंपनी, फिलहाल अमेजन इंडिया जैसे प्रमुख डिलीवरी सर्विस पार्टनर्स को ईवी ट्रकों की आपूर्ति कर रही है। सीड-राउंड की मिली फंडिंग से इस कंपनी को 2022-23 में दिल्ली के बाहर अपनी प्रोडक्शन-रेडी फैक्ट्री को तैयार करने और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ईवेज (Electric Vehicle Age) का हेडक्वार्टर चंडीगढ़ में है और बीते एक दशक से डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग मेथोडोलॉजी में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और प्रोसेस इनोवेशन के लिए जानी जाती है।
कंपनी का इरादा, वाहनों को ‘मॉड्यूलर माइक्रो मैन्यूफैक्चरिंग’ कारखानों में बनाने की है, जिससे छोटे फूटप्रिंट और पारंपरिक ऑटोमोटिव ओईएम की तुलना में कम पूंजी की आवश्यकता होगी।
ईवेज (Evage) के फाउंडर और सीईओ, इंद्रवीर सिंह के अनुसार, कंपनी की पहली गाड़ी, ‘मॉडल एक्स’ एक ऐसा कमर्शियल ट्रक है, जिसकी क्षमता एक टन है।
रिसर्च एंड इनोवेशन
अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए इंद्रवीर कहते हैं, “मैं इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाने को लेकर, शुरू से ही काफी जिज्ञासु था। मैंने अपना पहला ईवी, टीनएज में बनाया था और आगे चलकर इसी सेक्टर में अपना करियर बनाने का फैसला किया।”
इंद्रवीर बीते 15 वर्षों से ऑटोमोबाइल सेक्टर में काम कर रहे हैं और उनके पास रिसर्च एंड डेवलपमेंट, प्लांट मैनेजमेंट, बिजनेस और सेल्स का गहरा अनुभव है। उन्हें प्रो. हितोशी कुमे के मेंटरशिप में भी काम सीखने का मौका मिला, जिन्हें द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद, जापान के औद्योगिक क्रांति में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है।
एक स्टार्टअप के तौर पर उनकी यात्रा 2014 में शुरू हुई और अपनी कंपनी, ईवेज (Evage) के तहत उन्होंने अपने पहले उत्पाद के रूप में एक, 1 टन का फोर व्हीलर कमर्शियल व्हीकल बनाया। हालांकि, उन्हें अपनी कंपनी को आधारिक रूप से रजिस्टर कराने में करीब पांच साल लगे।
वह कहते हैं, “एक आंत्रप्रेन्योर के रूप में, हम हमेशा भविष्य की जरूरतों को देखते हैं। मुझे लगता है कि आने वाले समय में, लॉजिस्टिक सेक्टर में सिर्फ इलेक्ट्रिक और सस्टेनेबल उत्पादों का बोल-बाला होगा। क्योंकि, इसमें डिस्ट्रीब्यूशन चैनल्स को सही एंट्री स्ट्रेटजी के साथ डिफाइन किया गया है। उदाहरण के तौर पर, ई-कॉमर्श और फिनटेक सेक्टर में बूम, भारत में रेडी डिमांड की ओर इशारा करता है। जबकि, डायरेक्ट टू कंज्यूमर मार्केट में, अडॉप्शन, अन-प्रिडिक्टिबिलिटी और ग्राहकों के बदलते व्यवहार की चुनौती है।”
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उन्होंने आगे कहा, “एक तेजी से उभरते बाजार में, हमने कुछ अलग करने के इरादे से कमर्शियल सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। हम एफिशिएंट और इनोवेटिव ट्रांसपोर्टेशन को लेकर एक नए अध्याय की शुरूआत करना चाहते हैं।”
उनकी टीम में काफी कुशल इंजीनियर और वैज्ञानिक शामिल हैं, जो पहले एयरोस्पेस, मिसाइल प्रोपल्शन सिस्टम जैसे फिल्ड में काम कर चुके हैं। कंपनी अब तक 20 पेटेंट के लिए आवेदन कर चुकी है, जो फिलहाल प्रक्रिया में हैं। यह कंपनी एक ऐसे मॉड्यूलरिटी और बायोफ्रेंडली मटेरियल पर फोकस कर रहे हैं, जो स्टील से भी हल्का और मजबूत हो। उनके इन इनोवेशंस के नतीजे काफी अच्छे रहे।
वह कहते हैं, “हमने छोटे फूटप्रिंट और व्यवसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्यानुधिक तकनीकों का आविष्कार किया है और अपनाया है। हमें उम्मीद है कि विनिर्माण स्थानों का एक विशाल नेटवर्क होगा, जिसे हम भविष्य में अंतिम रूप से साझा करेंगे। हम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के एक बड़े नेटवर्क की ओर बढ़ रहे हैं और इसे लेकर जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी। हम देश के इलेक्ट्रिक व्हीकल सप्लाई चैन में खुद को सबसे आगे मानते हैं। हमारी अनूठी डिजाइन फीचर्स ने कम्पोनेंट्स और सप्लायर्स पर हमारी निर्भरता को काफी कम कर दिया है।”
क्या है Model .X?
इंद्रवीर कहते हैं, “हम पहले ही एक चार पहिये वाला इलेक्ट्रिक ट्रक बना चुके हैं, जो सड़कों पर भी आ चुकी है। यह कई देशों से आयातित मॉडलों से काफी अलग है, क्योंकि हम एक इंटीग्रेटेड पावरट्रेन के साथ काफी बारीकी से चेसिस बनाते हैं।”
अब Model .X को एफएमसीजी, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में लंबी दूरी की डिलीवरी चुनौतियों को देखते हुए, गहरे रिसर्च के बाद विकसित किया गया है, जिसके तहत जमीनी स्तर से जुड़ी समस्याओं को समझने के लिए, कंपनी ने सैकड़ों डिलीवरी ड्राइवर्स से बात की।
वहीं, कंपनी ने अपने पांच प्रोटोटाइप के लिए, अपने ग्राहकों के साथ, 2,50,000 किलोमीटर से अधिक की ऑन-रोड टेस्टिंग की। वाहन को इस साल आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
इंद्रवीर के अनुसार, इस वाहन की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:
- इसका डिजाइन एयरोस्पेस से प्रेरित है।
- यह वजन में हल्का होगा।
- इसे बनाने के लिए कंपोजिट बॉडी पैनल का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह स्टील से भी हल्का और मजबूत है।
- अंतिम उत्पाद को कस्टमाइज करने के लिए असेंबली और डिजाइन में मॉड्यूलरिटी पर फोकस किया गया है।
- उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म चेसिस को विकसित किया है, जो वजन में हल्का है और अधिक क्यूबिक फीट की अनुमति देता है।
- हमने अपने इंटीग्रेटेड पावरट्रेन (मोटर कंट्रोलर, गियरबॉक्स और बैटरी) को गहरे रिसर्च के बाद विकसित किया है।
अपनी खूबियों को लेकर वह कहते हैं, “हम अपने सभी ग्राहकों को चार्जिंग स्टेशनों और वाहनों की रेंज को लेकर आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद करना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर, कमर्शियल व्हीकल एक निश्चित सफर को तय करते हैं और यहां चार्जिंग की समस्या को हल करना बड़ी चुनौती है।”
क्या है आगे की योजना?
रेडब्लू कैपिटल के जनरल पार्टनर प्रेस्कॉट वॉटसन के अनुसार, “मार्केट में ईवेज का अप्रोच नया है, जो कम लागत वाले बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी लाने के लिए बहुत जरूरी भी है। कंपनी ई-कॉमर्स कंपनियों को डिलिवरी की बेहतर सुविधा देने के लिए अपेक्षाकृत सस्ते और किफायती ट्रक लेकर आई है, जो उन्हें काफी खास बनाता है।”
रेडब्लू कैपिटल के एक अन्य जनरल पार्टनर ‘ओलाफ सैकर्स’ ने कहा, “भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ी, खासकर कमर्शियल व्हीकल के बाजार में। लेकिन यहां सप्लाई की भारी कमी है और ईवेज (Evage) इस अंतर को भरने में पूरी तरह से सक्षम है।”
वहीं, इंद्रवीर अंत में कहते हैं, “हमारा मानना है कि पर्यावरण से संबंधित चुनौतियोंऔर अधिक किफायती होने के कारण, इलेक्ट्रिक व्हीकल दुनिया का भविष्य है और भारत इस बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह बेहतर सप्लाई चेन रेसिलिएंस, बैटरी और चार्जिंग इकोसिस्टम, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और टैलेंट मैनेजमेंट के जरिए होगा और हमारा इस पर सबसे ज्यादा फोकस है।”
मूल लेख – रिनचेन नोर्बु वांगचुक
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