देश की सेना के लिए अत्यधिक ठण्ड के मौसम में पहनने वाले कपड़ों पर अभी 800 करोड़ रूपये प्रति सालाना खर्च होता है। इस राशि को कम करने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर में तैनात अपने सैनिकों के लिए विशेष कपड़ें बनाने के लिए एक लंबे समय से चल रही परियोजना को अंतिम रूप दे रही है।
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक 35-मीटर का पुल (ब्रिज) तैयार किया है। इस ब्रिज के चलते दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के बेस कैंप में सेना के वाहन-चालन की गतिविधियां आसान हो जाएँगी।
रविवार को देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकादमी से 27 वर्षीय कैडेट राजशेखर को इंडियन आर्मी का लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति दुनिया सबसे बड़े युद्धक्षेत्र सियाचिन में हुई है। दरअसल, ट्रेनिंग के दौरान राजशेखर बेहोश हो गए थे जिसके बाद देहरादून मिलिट्री हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उनके जीने की आश ना के बराबर बताई थी।