चार साल पहले, मंगलुरु के कस्तुरबा मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ पद्मनाभ कामथ को यह जानकर सदमा लगा कि कर्नाटक के दूरगामी इलाकों में एक युवा मरीज की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी क्योंकि डॉक्टर वक़्त रहते उसका इलाज़ नहीं कर पाए। और यहीं से उनके व्हाट्सअप ग्रुप की शुरुआत हुई -'कार्डियोलॉजी एट डोरस्टेप'!