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आर्यसमाज

स्वामी दयानंद सरस्वती : वह सन्यासी जिसने धार्मिक कुरीतियों को दरकिनार कर धर्म का एक नया अध्याय लिखा!

By निशा डागर

महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात में मोराबी के टंकारा गांव में हुआ था। मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया था। आर्य समाज के इस संस्थपक ने ही देश में स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और लोगों को जोड़ा। 30 अक्टूबर 1883 को अजमेर में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।