‘हिमालयन रिसर्च ग्रुप’ के संस्थापक डॉ. लाल सिंह ने महिलाओं की दुर्दशा को देख, साल 2007 में एक ऐसे सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम को बनाया, जिससे उनकी जलावन पर निर्भरता 40 फीसदी तक कम हो गई।
गीताराम, महाराष्ट्र के पुणे जिला के न्हावरे गाँव के रहने वाले हैं। उन्होंने खुद से विंडमिल और सोलर प्लांट विकसित कर, अपने गाँव को भीषण बिजली संकट से उबारा।
तमिलनाडु में तिरुवन्नामलई की रहने वाली 14 वर्षीय विनिशा उमाशंकर आठवीं कक्षा की छात्रा हैं और उन्होंने एक सोलर आयरन कार्ट डिज़ाइन की है ताकि कपड़े प्रेस करने के लिए चारकोल पर निर्भरता कम की जा सके!
“निवेशित लागत की वसूली सामान्यतः 4-5 वर्षों में हो जाती है। ये सोलर पैनल 25 वर्षों तक चलते हैं, इस तरह 20 वर्षों तक मुफ्त बिजली का लाभ उठाया जा सकता है।” - नीतू गोयल