केरल के कोल्लम जिले में कोट्टाराकरा के रहने वाले 41 वर्षीय डॉ. हरि मुरलीधरन, पिछले 10 सालों से अपने खेत में लगभग 800 विदेशी प्रजातियों के फलों के पेड़-पौधे उगा रहे हैं। जिनमें सॉनकोय, अलामा, यूगु, बिगनेय आदि शामिल हैं।
महाराष्ट्र में अहमदनगर के निघोज गांव की श्रद्धा धवन ने 11 साल की उम्र में परिवार के डेयरी फार्म की जिम्मेदारी उठाई थी। आज 6 लाख रूपये/ माह आय के साथ, दो मंजिला मवेशी शेड में 80 भैंसों के दूध से प्रति दिन 450 लीटर दूध बेचती हैं।