उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के रहने वाले रविकांत पाठक हॉंगकॉंग, अमेरिका और स्वीडन जैसे देशों में काम कर चुके हैं, लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वह 2007 से अपने “भारत उदय” प्रयास के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में संघर्षरत हैं।