एक दिन एक छोटे से कुत्ते की जान बचाने के बाद, कोटा की सोनल गुप्ता की जैसे ज़िंदगी ही बदल गई। उन्होंने बेज़ुबानों के दर्द को महसूस किया और लॉकडाउन में उनका सहारा बनीं। इसके बाद वह शहर में श्वानों की सेवा करने के लिए जानी जाने लगीं। आज वह ‘GSM स्क्वाड’ नाम से अपना NGO चलाती हैं और अब तक 5000 से ज़्यादा पशुओं की जान बचा चुकी हैं।
राजकिरण ने अलग-अलग विषयों पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जैसे मोबाइल से वीडियो कैसे बनाएं, एनिमेटेड पीपीटी कैसे बनाएं, गूगल ड्राइव का इस्तेमाल कैसे करें, हाइपरलिंक, जिफ फाइल, स्मार्ट पीडीऍफ़ का उचित उपयोग आदि शामिल हैं!
इंदौर के राजेंद्र सिंह अपनी सोसाइटी के आस-पास घुमने वाले जानवरों का ख्याल रख रहे हैं तो वहीं बंगलुरु के प्रवीण कुमार हर दिन लगभग 150 जानवरों को खाना खिला रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी इंसानियत की ऐसी मिसालें वाकई एक बेहतर कल की उम्मीद जगाती है!