डॉ. सैफुद्दीन किचलू एक बैरिस्टर, शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। जानिये उनके बलिदान की कहानी।
चितरंजन दास ने एक वकील, राजनीतिज्ञ और पत्रकार के तौर पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त कराने में जो भूमिका निभाई, उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है। यही कारण है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
भारतीय समाज में खादी का इस्तेमाल सभ्यता के आरंभ से ही रहा है। इसने आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही कारण है कि खादी केवल कोई कपड़ा नहीं, बल्कि एक विचार है।
बापू ने अपने जीवन की तरह अपने आहार को भी सरल रखा। कहा भी गया है, "आप वही बनते हैं जो आप खाते हैं!" गाँधीजी को देखें तो यह कथनी सिद्ध होती दिखाई पड़ती है।