केरल के वायनाड जिले में रहने वाली 64 वर्षीया राधामणि, ‘प्रतिभा पब्लिक लाइब्रेरी’ नामक एक स्थानीय लाइब्रेरी में काम करती हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनका काम लाइब्रेरी में बैठकर लोगों को किताबें देना नहीं है बल्कि वह हर रोज लगभग चार किमी पैदल चलते हुए, घर-घर जाकर लोगों को किताबें देकर आती हैं।