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इंजीनियरिंग छोड़, बनाने लगे हाथ, ताकि कोई भी गरीब न रह जाए लाचार!

By निशा डागर

प्रशांत के बनाए प्रोस्थेटिक हाथ की कीमत 50 हज़ार रुपये है, पर वह अब तक 2,000 गरीब दिव्यांगजनों को मुफ्त में यह हाथ बाँट चुके हैं।

केवल खाने और कपड़ों का ही नहीं, सड़क पर रह रहे भिखारियों की सफाई का भी ख्याल रखता है यह युवक!

By नीरज नय्यर

सर्दियों में कंबल और गर्मियों में चप्पल। इतना ही नहीं वह यह भी सुनिश्चित करते हैं कि सड़क किनारे जिंदगी गुजारने वाले भिखारी भी साफ़-सुथरे नज़र आएं।