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100 रोटी सुबह और 100 रोटी शाम को बनाकर, हर दिन जानवरों का पेट भरती हैं कोटा की सोनल गुप्ता

By सुजीत स्वामी

एक दिन एक छोटे से कुत्ते की जान बचाने के बाद, कोटा की सोनल गुप्ता की जैसे ज़िंदगी ही बदल गई। उन्होंने बेज़ुबानों के दर्द को महसूस किया और लॉकडाउन में उनका सहारा बनीं। इसके बाद वह शहर में श्वानों की सेवा करने के लिए जानी जाने लगीं। आज वह ‘GSM स्क्वाड’ नाम से अपना NGO चलाती हैं और अब तक 5000 से ज़्यादा पशुओं की जान बचा चुकी हैं।

केवल खाने और कपड़ों का ही नहीं, सड़क पर रह रहे भिखारियों की सफाई का भी ख्याल रखता है यह युवक!

By नीरज नय्यर

सर्दियों में कंबल और गर्मियों में चप्पल। इतना ही नहीं वह यह भी सुनिश्चित करते हैं कि सड़क किनारे जिंदगी गुजारने वाले भिखारी भी साफ़-सुथरे नज़र आएं।