बिजू भास्कर ने 15 साल पहले राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कई गाँवों का दौरा कर भारतीय वास्तुकला के संबंध में जानकारियों को इकठ्ठा किया। इसके बाद, उन्होंने इन जानकारियों को लोगों तक पहुँचाने के लिए थनल की स्थापना की, जिसका हिन्दी अर्थ है - परछाई।