हरियाणा के नारनौल की रहनेवाली, जया भारद्वाज ने अपने बागवानी के शौक को अपना काम बना लिया। आज वह कॉलेज में बॉटनी पढ़ाती हैं और छात्रों को बागवानी करना भी सिखाती हैं।
हरियाणा में फतेहाबाद के रहने वाले शिक्षक प्रमोद गोदारा और उनकी पत्नी, ASI चंद्र कांता पिछले ढाई-तीन सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और अपने खेतों पर 'एग्रो-टूरिज्म' को विकसित कर रहे हैं।
हरियाणा में झज्जर के एक गाँव में रहने वाले कुलदीप सुहाग, अपनी दो एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं। इस काम में उनके घर के सभी छोटे-बड़े बच्चे उनकी मदद कर रहे हैं।
MBA की डिग्री कर चुके, सत्यदेव गौतम, जब हरियाणा के पलवल जिले के भिडूकी गाँव के सरपंच बने, तब उन्होंने गाँव में बारिश के पानी को बचाने की मुहीम छेड़ी और आज यह गाँव हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है। जानिये कैसे कर दिखाया गाँववालों ने यह कमाल।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में दादलू गाँव के रहने वाले हरबीर सिंह एक प्रगतिशील किसान हैं और अपने खेतों में एक हाई-टेक नर्सरी चला रहे हैं। अपनी नर्सरी में वह सब्जियों की पौध तैयार करते हैं, जो आज इटली तक भी पहुँच रहे हैं।
हरियाणा के करनाल में रहने वाले इंजीनियर, निर्मल सिंह सिद्धू ने MNC की नौकरी छोड़कर केंचुआ खाद बनाने का काम शुरू किया। आज वह अपनी वर्मीकम्पोस्टिंग यूनिट, 'हरकिरपा ऑर्गेनिक्स' चला रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों की कमाई हो रही है।