पुणे के दो युवा संगठन, स्वराज्यचे शिलेदार और रायगड परिवार आस-पास के गांवों में सभी शहीद स्मारक या वीरगलों को फिर से सहेज रहे हैं। समय-समय पर शहीदों की याद में बनवाये गए ये स्मृति स्मारक या फिर पत्थर आज खोते जा रहे हैं। न तो सरकार ही इन पर ध्यान दे रही है और न ही नागरिक।