आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।
मोहाली, पंजाब के रहने वाले 57 वर्षीय किसान, चरणदीप सिंह अपनी सात एकड़ जमीन पर गेहूं, चावल, दाल, मौसमी सब्जियां, मसाले और कई तरह के फल उगा रहे हैं। कुदरती तरीकों से खेती करने के कारण, उनके खेतों में 50 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी आते हैं।
लुधियाना, पंजाब के रहने वाले 39 वर्षीय बैंक क्लर्क अंकित गुप्ता ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक्स विधि सीखकर, अपने घर की छत पर यह सेटअप लगाया और आज वह हर महीने 40 हजार रुपए से ज्यादा की सब्जियां ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।
राखी मित्तल के मुताबिक, घर के गीले कचरे से बनी खाद पेड़-पौधों के लिए सबसे उत्तम होती है। यह पोषण से भरपूर, उच्च गुणवत्ता वाली होती है। इसलिए ही इसे 'काला सोना' कहा जाता है!