गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश की रहने वाली शालिनी गर्ग, नौकरी के साथ-साथ, पिछले दस सालों से गार्डनिंग भी कर रही हैं। आज उनके टेरेस गार्डन में 300 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं।
बेंगलुरु के रहने वाले 58 वर्षीय इंजीनियर, नटराज उपाध्याय ने अपने घर में 1700 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाकर 'अर्बन जंगल' बनाया है। जहाँ पर आपको पपीता, केला, इमली और मोरिंगा जैसे 300 से ज्यादा किस्म के पेड़-पौधे और 50 से ज्यादा किस्म के पक्षी, तितलियाँ और अन्य जीव-जंतु दिख जाएंगे।
लुधियाना, पंजाब के रहने वाले 39 वर्षीय बैंक क्लर्क अंकित गुप्ता ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक्स विधि सीखकर, अपने घर की छत पर यह सेटअप लगाया और आज वह हर महीने 40 हजार रुपए से ज्यादा की सब्जियां ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।
तमिलनाडु में चेन्नई निवासी अंजू अगरवाल के टेरेस गार्डन में 50 से भी ज्यादा पेड़ हैं। इनमें शामिल हैं, टमाटर, गाजर, चकुंदर, पलक आदि। उन्होंने 'द आर्गेनिक गार्डन फाउंडेशन' की शुरुआत की है और साथ ही उन्होंने अभी ऑर्गनिक साबुन बनाकर बेचना शुरू किया है।