तमिलनाडु के पुदुपलायम में रहने वाले 70 वर्षीय आर गुरुसामी ने 1998 में अपनी गायों और बकरियों के साथ तीन हिरणों को चरते देखा। इसके बाद उन्होंने हिरणों को आसरा देने के लिए अपनी 50 एकड़ जमीन खाली छोड़ दी। आज वहां करीब 1800 हिरण रहते हैं। पढ़िए इंसानों और बेजुबानों के बीच जद्दोजहद की यह प्रेरक कहानी!
कर्नल जॉन फेलिक्स वेकफील्ड को लोग प्यार से “पापा” बुलाते थे। उन्होंने भारत के पहले इको-टूरिज्म वेंचर को अंजाम दिया था। वह कई वर्षों तक इसके निदेशक भी बने रहे।
महाराष्ट्र के मुंबई में चार ऑटो रिक्शा चालकों ने एक बन्दर की जान बचायी। इस बन्दर को इलेक्ट्रिक शॉक लगने के कारण बहुत गहरी चोट आई थी। बन्दर को दर्द और तकलीफ में देखकर ऑटो रिक्शा ड्राईवर दिलीप राय आयर उनके तीन दोस्त खुद को उसकी मदद करने से नहीं रोक पाए।
डॉ दीपा कात्याल को जानवरों के प्रति उनके प्यार और सद्भावना ने उन्हें जानवरों का डॉक्टर बना दिया। एक अच्छी-खासी बिज़नेस फैमिली से ताल्लुक रखने वाली दीपा ने अपने परिवार के मना करने के बावजूद इस प्रोफेशन को चुना ताकि वे जरुरतमन्द जानवरों की देखभाल कर सकें।