2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए हादसों को हम 'भोपाल गैस त्रासदी' के नाम से जानते हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड पेस्टिसाइड प्लांट में से लगभग 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस निकली और पूरे शहर में फ़ैल गयी। इस दौरान एक स्टेशन मास्टर ग़ुलाम दस्तगीर की सूझ-बुझ ने अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।