साल 1999 के कारगिल युद्ध में राजपुताना राइफल्स के कप्तान हनीफ उद्दीन ने अपने सैनिकों की रक्षा करते हुए खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया था। हाल ही में, एक पत्रकार और लेखिका रचना बिष्ट रावत ने हनीफ की माँ हेमा अज़ीज़ के साथ उनकी मुलाकात के बारे में एक फेसबुक पोस्ट साँझा की।
कारगिल युद्ध में शहीद हुए गायक और जाबांज भारतीय सैनिक हनीफ उद्दीन का जन्म 23 अगस्त, 1974 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने आठ साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनके नफीस व समीर, दो भाई थे। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
कारगिल में शहीद हुए कप्तान नेइकेझाकुओ केंगुरुसी का जन्म कोहिमा के नेरहमा गांव में हुआ था। नागालैंड में एक शताब्दी पहले तक इस गांव को पेरहमा या फिर हमेशा लड़ने वालों का घर कहा जाता था। उन्हें महावीर चक्र से नवाज़ा गया।
सूबेदार योगेंद्र यादव और नायब सुबेदार संजय कुमार ने साल 1999 के कारगिल युद्ध के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले वे अफसर यहीं जो आज भी सेना में सेवारत हैं। यादव उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और कुमार हिमाचल प्रदेश से।
26 जुलाई, 1999 को, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल में एक निर्णायक युद्ध जीता। इस युद्ध में युवा लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से ताल्लुक रखने वाले विक्रम को परम वीर चक्र से नवाजा गया।
साल 1999 के कारगिल युद्ध में अपना एक पैर खोने वाले रिटायर्ड आर्मी अफसर मेजर डी. पी सिंह अपने कृत्रिम पैर के साथ भारत के पहले ब्लेड रनर हैं। अब तक 21 से भी ज्यादा मैराथन में दौड़ चुके मेजर सिंह का नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल है। उन्होंने 'द चैलेंजिंग वन्स' एनजीओ और 'स्वच्छेबिलिटी रन' की शुरुआत की है।
कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना के बहुत से जवान शहीद हुए। कुछ के बारे में हम जानते हैं और कुछ के नाम इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए। फ्लाइट लेफ्टिनेंट कम्बमपति नचिकेता भी ऐसा ही एक नाम हैं जिनके साहस ने उन्हें युद्ध में चोटिल होने के बावजूद वापिस सेना में ला खड़ा किया।