प्रकृति से जोड़ता कोंकणी होमस्टे, है हज़ारों तितलियों का घर

प्रकृति के बीच रहने का अनुभव चाहिए तो अब हिमालय पर जाने की ज़रूरत नहीं है, आप महाराष्ट्र के Vanoshi Homestay में आकर भी ठहर सकते हैं।

प्रकृति से जोड़ता कोंकणी होमस्टे, है हज़ारों तितलियों का घर

घर जैसा एक्सपीरियंस, पारंपरिक व स्वादिष्ट कोंकणी भोजन और प्रकृति के अनोखे नज़ारे.. क्या आप यकीन करेंगे कि ये सब एक ही जगह पर मिलता है! दुर्लभ पक्षी, हज़ारों पेड़-पौधे और सुंदर पहाड़ के बीचोंबीच बना है-'वानोशी फ़ॉरेस्ट होमस्टे।' इस होमस्टे की कई ख़ासियत में से एक है यहाँ आने वाले दुर्लभ पशु-पक्षी और हज़ारों रंग-बिरंगी तितलियां। 

सिंधुदुर्ग के रहने वाले प्रवीण देसाई नेचर लवर हैं। प्रकृति के लिए अपने इसी प्रेम के चलते 2015 में उन्होंने एक बटरफ्लाई गार्डन बनाया और यहाँ कई तरह के पेड़-पौधे लगाए। देखते ही देखते उनका गार्डन में सैंकड़ों तितलियों का घर बन गया और इस प्राकृतिक नज़ारे को देखने कई लोग उनके यहाँ आने लगे।

यह देखते हए 2018 में प्रवीण ने गार्डन के आस-पास ही, दो नेचुरल कॉटेज बनाकर एक फारेस्ट होमस्टे शुरू किया और यहाँ मेहमानों का स्वागत करने लगे। 

आज जो भी उनके होमस्टे में ठहरने आता, अपने साथ लेकर लौटता है प्रकृति के बीच रहने का अनोखा अनुभव; जो शायद ही उन्हें कहीं और मिले।

लोग नेचर को महसूस कर सकें, इसके लिए उन्होंने एक शीशे का कॉटेज भी बनाया है। आज उनके बनाये इस फॉरेस्ट एरिया में 120 से ज़्यादा अलग-अलग पक्षी और तितलियों की 40 प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।

पारंपरिक कोंकणी तरीके से बने वानोशी होमस्टे में आने वाले मेहमान कोंकणी खाने और स्थानीय जीवनशैली का अनुभव भी ले सकते हैं। प्रकृति के लिए कुछ करने का प्रवीण का यह तरीका वाकई सराहनीय है। अगर आप भी उनके होमस्टे में ठहरना चाहते हैं तो उन्हें www.vanoshiforesthomestay.in पर संपर्क कर सकते हैं। 

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