सालभर हम सभी रोशनी के सबसे बड़े त्योहार दिवाली का इंतज़ार करते हैं। पूरे घर की सफाई और सजावट के साथ ही हम अलग-अलग तरीके से खुशियां मनाते हैं। लेकिन जाने-अनजाने अपने घर को सजाने और खुशियां मनाने के चक्कर में हम पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में कई लोग ईको फ्रेंडली दीवाली को बढ़ावा देने की बात करते हैं।
लेकिन अगर आपको यह समझ नहीं आता कि आखिर पटाखों के बिना दिवाली कैसे मनाई जाए, तो हम आपको बताते हैं कि आप कैसे मज़ेदार तरीके से ईको फ्रेंडली दिवाली मना सकते हैं।
यह तो सबको पता है कि पटाखों से प्रदूषण होता है, इसलिए बिना पटाखों की दिवाली मनाना सबसे अच्छा तरीका है प्रदूषण को रोकने का। लेकिन इसके साथ ही कई और कारण हैं, जिनसे हम पर्यावरण को दूषित कर देते हैं।
ऐसे में हमें, घर में मेहमानों के स्वागत से लेकर घर को सजाने तक कई बातों को ध्यान में रखना होगा-
1. लोकल कारीगरों से मिट्टी के दिये ख़रीदकर मनाएं ईको फ्रेंडली दीवाली
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घर सजाने के लिए इलेक्ट्रिक साधनों और तरह-तरह की लाइट्स से बढ़िया है कि आप लोकल बाज़ार में मिट्टी के दिये बनाने वालों से दिये खरीदें। इससे आप लोकल कारीगरों को बढ़ावा दे सकेंगे। आप इन दियों को घर में अपने बच्चों और परिवार के साथ अलग-अलग तरीके से सजा भी सकते हैं। अगर ये दिये कच्ची मिट्टी से बने होंगे, तो इसे आप पानी में डालकर मिट्टी का रूप दे सकते हैं।
2. मेहमानों को खाना परोसने के लिए ईको-फ्रेंडली कटलरी का इस्तेमाल करें
दिवाली का समय दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ खुशियां मनाने का सबसे अच्छा समय होता है। ऐसे में सभी अपने घर में पार्टी का आयोजन करते हैं। इस दौरान अगर आप प्लास्टिक की कटलरी का इस्तेमाल करते हैं, तो इसकी जगह आप ईको-फ्रेंडली कटलरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप स्टील के बर्तनों या फिर प्राकृतिक पत्तों से बने प्लेट्स आदि में खाना परोस सकते हैं।
इस तरह आप अपने घर से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट को आराम से कम कर सकते हैं।
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3. रंगोली के लिए घर पर ही बनाएं ऑर्गेनिक रंग और मनाएं ईको फ्रेंडली दीवाली
क्या आपकी भी दिवाली रंगोली के बिना अधूरी है और आप भी बाज़ार में केमिकल वाले रंगों से रंगोली बनाते हैं? तो आप इस बार इसे भी ईको-फ्रेंडली रूप दे सकते हैं। यकीन मानिए घर पर ईको-फ्रेंडली रंगोली के रंग बनाना बेहद आसान है।
आप चावल के आटे में नेचुरल रंग मिलाकर पाउडर तैयार कर सकते हैं। आप हल्दी या फल और सब्जियों के जूस को चावल के आटे में मिलाकर कर अलग-अलग रंग तैयार करें और इसे बाद में रंगोली बनाने के लिए इस्तेमाल करें।
यह रंग पूरी तरह से ऑर्गेनिक होंगे, जिससे आपके बच्चे भी अपनी पसंद की रंगोली बना सकेंगे।
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4 . घर की सफाई के बाद कचरे सही तरीके से करें डिस्पोज़
दिवाली की शुरुआत ही होती है घर की सफाई से। ऐसे में हम बिना सोचे-समझे घर की हर फालतू चीज़ कचरे में फेंक देते हैं। ऐसा करके हम अपने घर को तो बढ़िया साफ कर लेते हैं, लेकिन अपने आस-पास के पर्यावरण को दूषित कर देते हैं।
एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हम अपने घर से निकलने वाले सारे कचरे को अलग-अलग तरीके से डिस्पोज़ करके ईको फ्रेंडली दीवाली मना सकते हैं। जैसे- जो प्लास्टिक की चीज़ें काम की नहीं हैं, उन्हें रीसायकल में दें। इलेक्ट्रिक चीजों को अलग जगह पर दें और किचन से निकले कचरे को अलग जगह पर डिस्पोज़ करें। इस तरह आप अपने घर के साथ अपने आस-पास के पर्यावरण को भी साफ बनाए रखेंगे।
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5. अपनी पुराने चीज़ों को जरुरतमंदों में दान करें
दिवाली का समय खुशियां मानाने का है, तो क्यों न ऐसे समय में उन लोगों के साथ खुशियां बाटें, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। अपने घर का वह सामान, जो आप सालों से इस्तेमाल न करते हों या जो कपड़े आप न पहनते हों, उन्हें ज़रूरतमंदों को दान करें। इस तरह से हम उनके जीवन में भी खुशियों के कुछ रंग भर सकते हैं।
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इसके अलावा, कई और तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप दिवाली में ईको-फ्रेंडली रंग भर सकते हैं। फिर दिवाली के तोहफों को चमकीले प्लास्टिक में देने के बजाय, हैंडमेड पेपर में पैक करें। इस दिवाली इस्तेमाल हुई चीज़ों को फेंकने के बजाय, संभालकर रखें और अगले साल फिर से इस्तेमाल करें। इस तरह आप प्लास्टिक वेस्ट भी कम करेंगे और पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रख सकेंगें।
अगर आपके पास ऐसे कुछ और तरीके हैं ईको-फ्रेंडली दिवाली मानाने के, तो उसे हमारे साथ ज़रूर साझा करें।
हैप्पी दिवाली!
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