Placeholder canvas

केरल: रातों को बिना सोये, लगातार राहत कार्यों में जुटे है ये आईएएस अफ़सर!

केरल में आयी आपदा से निपटने के लिए अधिकारी से लेकर आम नागरिक भी पूरी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं। इसमें दो आईएएस अफसर एमजी राजमानिक्यम और एनएसके उमेश की चावल के बोरे ढोते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। 

केरल में आयी आपदा से निपटने के लिए अधिकारी से लेकर आम नागरिक भी पूरी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं। कोई अपनी शादी स्थगित कर रहा है ताकि घर को राहत शिविर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके तो कोई लाखों के कम्बल मुफ्त में बाँट रहा है। ऐसे में दो और लोगों के बारे में बात करना आवश्यक है, जो बिना रुके, बिना थके लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं।

कुछ दिनों पहले से ही दो आईएएस अफ़सर एमजी राजमानिक्यम और एनएसके उमेश की चावल के बोरे ढोते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

13 अगस्त को रात 9:30 बजे, चावल के बोरे और अन्य आपूर्तियों से भरा एक ट्रक केरल के वायनाड में राहत शिविर में पहुंचा जहां दो आईएएस अधिकारी- जी राजमानिक्यम, आपदा प्रबंधन से संबंधित विशेष अधिकारी, और वायनाड उप-कलेक्टर एनएसके उमेश, काम कर रहे थे। शिविर में ज्यादातर लोग दिन के काम से थक गए थे और ट्रक से बोरे ले जाने में असमर्थ थे। ऐसे में बिना एक पल की हिचकिचाहट के, दोनों अफसरों ने ट्रक से चावल के बोरों को उतारना शुरू कर दिया और शिविर के अंदर ले गए।

इन दोनों अफसरों में से जी राजमानिक्यम पहले भी अपने कामों के लिए चर्चा में रहे हैं। कोचीन हेराल्ड से बात करते हुए, राजमानिक्यम ने बताया, “मैंने फरवरी में एर्नाकुलम में ड्यूटी ज्वाइन की थी। उस समय मानसून और मेट्रो के काम के चलते सड़कों की हालत खस्ता थी। मैं एक व्यक्ति से मिला जो मेरे पास एक पेपर के साथ आया था जिसमें दिखाया गया था कि वे हर महीने टोल के लिए कितनी धनराशि दे रहे हैं, और फिर भी उन्हें इन गड्ढों से गुजरना पड़ता है। जब बहुत से लोग सड़क को बनाए रखने के लिए इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं, और इसके बावजूद, कुछ भी नहीं हो रहा है, तो यह एक मुद्दा है।”

जब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस मुद्दे के बारे में कोई सकारात्मक कदम उठाने से इंकार कर दिया, तो आईएएस अधिकारी ने टोल बंद कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि यदि जनता के पास अच्छी सड़कें नहीं हो सकती हैं, तो उन्हें क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए पैसे देने की जरूरत नहीं है।

वे कोच्ची से पहले कलेक्टर हैं, जिन्हें सर्वश्रेष्ठ कलेक्टर अवार्ड मिला है। आज फिर एक बार वे जनता के लिए बिना रुके व बिना थके काम कर रहे हैं।

मूल लेख: तन्वी पटेल

कवर फोटो


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X