गुजरात के सूरत की रहने वालीं बकुलाबेन पटेल ने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया, और इस वजह से उनकी पढ़ाई रुक गई। काफी कमियों के साथ रिश्तदारों के यहाँ पली-बढ़ी इसलिए अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाईं।
बचपन से ही उन्हें स्पोर्ट्स में रूचि थी लेकिन उसमें भी आगे नहीं बढ़ पाईं। बकुलाबेन सिर्फ़ 9वीं क्लास में थीं जब उनकी शादी हो गई!
50 की उम्र तक गाँव में रहते हुए उन्होंने अपने घर-परिवार को बखूबी संभाला।
1994 में उनके पति का निधन हो गया। इस समय जब वह अकेली हो गईं, तो नाती-पोते जीने का सहारा बने। बकुलाबेन रोज़ अपने पोते और पोती को स्कूल छोड़ने और लेने जाया करती थीं। इसी दौरान दादी ने बच्चों को खेल-खूद में हिस्सा लेते देखा और उनका बचपन का सपना फिर से जाग उठा।
पोते-पोती से प्रेरणा लेकर बकुलाबेन ने भी एथलेटिक्स शुरू किया।
50 तक गृहणी, फिर बनीं स्विमिंग चैंपियन
59 की उम्र में उन्हें स्विमिंग में दिलचस्पी हुई और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। वैसे तो इस उम्र में तैराकी सीखना आम नहीं था; उनकी अकादमी में भी कोई हमउम्र नहीं था; लेकिन बकुलाबेन ने इसकी फ़िक्र किए बिना सीखना जारी रखा।
आज वह 80 साल की हैं और 16 देशों में स्विमिंग कर चुकी हैं। नैशनल और इंटरनेशनल लेवल पर वह अब तक 500 से ज़्यादा मेडल्स और ट्रॉफीज़ जीत चुकी हैं।
वह द बेटर इंडिया को बताती हैं, “मैं बहुत इंटरनेशनल खेलकर आई हूँ। मैंने अटलांटिक महासागर में स्विमिंग किया है, प्रशांत महासागर में किया है; बंगाल उपसागर भी मैं तैर कर आई हूँ, वो भी मैंने 19KM तैरा है। सब जगह पर मैं बहुत तैरती हूँ।”
बकुलाबेन क्लासिकल डांस में भी माहिर हैं। फ़िलहाल वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और 75 साल की उम्र में ढाई घंटे स्टेज पर परफॉर्म करके लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं।
स्वस्थ रहने के लिए वह रोज़ सुबह 4 बजे उठ जाती हैं। स्विमिंग करने 5 किलोमीटर पैदल चलकर जाती हैं। बकुलाबेन मैराथन, योग और साइकिलिंग भी करती हैं।
घर के काम हों या बाहर के, इस उम्र में भी सबकुछ खुद ही करती हैं। आज वह अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त हैं कि बिलकुल भी अकेला महसूस नहीं करतीं।
50 की उम्र तक गृहणी रहीं बकुलाबेन पटेल आज एक स्विमिंग टीचर भी हैं! बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक, उनके कई स्टूडेंट्स हैं जो उनसे ट्रेनिंग के अलावा काफी प्रेरणा भी लेते हैं।
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