Site icon The Better India – Hindi

बारिश के पानी से करते हैं बोरवेल रिचार्ज, सालभर पड़ोसियों को भी नहीं होती पानी की किल्लत

rainwater harvesting
YouTube player

एक कॉरपोरेट ऑफिस में काम करनेवाले मुंबई के चेतन सूरेंजी को पर्यावरण और गार्डनिंग से बेहद प्यार है। मेट्रो शहर में रहते हुए भी 40 वर्षीय चेतन ने अपने आस-पास एक बेहतरीन ईको-सिस्टम तैयार किया है। उनके घर पर ढेरों फल-सब्जियां तो उगती ही हैं,  साथ ही पिछले दस सालों से वह बारिश की एक-एक बून्द बचाकर वर्षा जल संचयन के प्रयास में लगे हुए हैं। 

उन्होंने वर्षा जल संचयन के लिए कई तरह के छोटे-छोटे कदम उठाए हैं, जिसका फायदा उनके साथ-साथ उनके पड़ोसियों को भी मिल रहा है। चेतन, हर साल बारिश के मौसम में लाखों लीटर पानी को गटर में जाने से बचा रहे हैं।  

द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहते हैं, “यहां मुंबई में अगर हम बारिश के पानी को गटर में बहने देते हैं, तो यह पानी आख़िरकार समुद्र में जाता है। इससे समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है और बारिश के समय में यह पानी, खारा पानी बनकर हमारे घरों और ज़मीन के अंदर तक आ जाता है। इसलिए मेरी कोशिश रहती है कि खारे पानी के बजाय बारिश के मीठे पानी को सीधा ज़मीन तक पहुंचाया जाए।”

Pit For Saving Rain Water

गर्मी में पानी की दिक्कत से परेशान होकर उठाए जरूरी कदम 

चेम्बूर के जिस इलाके में चेतन रहते हैं, वहां के तीन घरों के बीच एक बोरवेल बना हुआ है। चूँकि यह सालों पुराना बोरवेल था, इसलिए यह मात्र 30 फ़ीट ही गहरा था। लेकिन समय के साथ आस-पास कई घर और आपर्टमेंट बनने लगे। तक़रीबन सभी नए कंस्ट्रक्शन साइट पर बोरवेल लगाने की वजह से उनके इलाके के बोरवेल में पानी कम हो गया था।

चेतन कहते हैं, “नए बोरवेल ज्यादा गहरे होते हैं। इन्हे 80 से 100 फ़ीट तक गहरा बनाया जाता है। हमें भी पानी की दिक्कतों के कारण 100 फ़ीट का बोरवेल लगाना पड़ा।”

इस बोरवेल में पानी तो था, लेकिन पानी की गुणवत्ता पहले जैसी नहीं थी। पुराने छोटे बोरवेल का पानी मीठा था, जबकि इस बड़े बोरवेल में पानी खारा था। इस खारे पानी से घर में लगे नल और प्लम्बिंग सिस्टम भी जल्दी ख़राब हो जा रहे थे। इसके बाद चेतन ने इस समस्या के बारे में पढ़ना शुरू किया। अपनी रिसर्च से उन्हें पता चला कि वर्षा जल संचयन से इस खारेपन को कम किया जा सकता है।  

बस फिर क्या था, उन्होंने अपने खुद के घर से वर्षा जल संचयन करने और इससे ज़मीन के जलस्तर को बढ़ाने का प्रयास शुरू कर दिया।

वर्षा जल संचयन के लिए किए कई प्रयोग 

उनका यह घर सालों पुराना है, इसलिए उन्हें ज्यादा बदलाव न करते हुए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करना था। 

उन्होंने छोटा-मोटा जुगाड़ करके अपने घर की छत को पुरानी 30 फ़ीट की बोरवेल से एक पाइप के जरिए जोड़ दिया, ताकि बारिश का पानी छत से निकलकर सीधा उस बोरवेल में जाए। 

इसके अलावा, उन्होंने एक परकोलेशन पिट भी बनाया है,  जिसमें पानी छत से एक पाइप के ज़रिए गड्ढे में जमा होता है और यह ज़मीन का जलस्तर बढ़ाने का काम करता है। गर्मी के समय में उन्होंने अपने AC से निकलने वाले पानी की पाइप को भी इस पिट से जोड़ दिया था। 

चेतन ने बताया कि गर्मी के दिनों में पूरी रात अगर AC चलता है, तो इससे 25 से 30 लीटर पानी निकलता है, जिसे बर्बाद करने के बजाय अगर हम उसे पिट में भेजते हैं, तो फ़िल्टर होकर यह पानी बोरवेल रिचार्ज करने के काम आता है। 

अपने तीसरे प्रयास के ज़रिए वह जमीन के ऊपरी सतह पर पानी पंहुचा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सिर्फ दो पाइप को अपने घर के पास पड़ी खाली जमीन से जोड़ दिया है। ताकि पानी नाले के बजाय सीधा जमीन में जाए। 

Rainwater Pipe Connected With Land To Recharge Surface Water

पिट बनाने के अलावा, उन्होंने इन प्रयोगों के लिए ज्यादा खर्च नहीं किया है। लेकिन इन सालों में उनके इन प्रयासों से कई बेहतरीन फायदे हुए हैं।  

चेतन कहते हैं, “अब हमारे 30 फ़ीट वाले बोरवेल में भी साल भर पानी रहता है। इसके साथ ही, पानी के खारेपन की दिक्कत भी अब दूर हो गई है। उनके साथ-साथ अब उनके पड़ोसियों को भी पूरे साल पानी की कोई किल्लत नहीं होती। वे सभी मात्र पीने के पानी के लिए नगरपालिका पर निर्भर हैं, बाकी ज़रूरतें बोरवेल के पानी से ही पूरी हो जाती हैं। 

चेतन के घर में काफी बड़ा गार्डन भी है और इन पौधों के लिए भी उन्हें पानी की अच्छी-खासी ज़रूरत पड़ती है। लेकिन अपने बेहतरीन वर्षा जल संचयन मॉडल के कारण उन्हें पानी की कमी की कोई चिंता नहीं होती।  

चेतन का मानना है कि बारिश का पानी सबसे अच्छा जल स्रोत है, इसलिए हम सभी को इसे बचाना ही चाहिए। अगर आप ज्यादा खर्च नहीं कर सकते, तो अपने घर से बहने वाले पानी को किसी छोटी टंकी में तो जमा कर ही सकते हैं। 

आशा है, इस बारिश के मौसम में आप भी चेतन की तरह बारिश की एक-एक बून्द को सहेजने का प्रयास करेंगे। आप चेतन से किसी भी तरह की मदद के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर संपर्क कर सकते हैं।  

हैप्पी मानसून!

संपादनः अर्चना दुबे

यह भी पढ़ेंः रिटायर्ड प्रोफेसर ने बनाया रेन वॉट हार्वेस्टिंग सिस्टम, 2 सालों में गाँव हुआ सूखा मुक्त

Exit mobile version