आमतौर पर माता-पिता, दादा-दादी या कोई भी और रिश्तेदार लड़कों को तोहफे में रिमोट वाली कार और लड़कियों को किचन सेट देते हैं। हमने यह धारणा बना ली है कि लड़के किचन सेट से नहीं खेलते और अनजाने में ही सही हम बचपन से ही लड़के और लड़कियों को अलग-अलग तरह की परवरिश देना शुरू कर देते हैं।
हालांकि, देश में कई मशहूर पुरुष शेफ हैं, बावजूद इसके कोई अपने बेटे को एक शेफ बनने के लिए कभी प्रेरित नहीं करता और कोई ऐसा करता भी है, तो ऐसे लोग बहुत ही कम हैं। लेकिन आज के दौर में कुकिंग एक बेहतरीन प्रोफेशन बन चुका है और इस क्षेत्र में लड़के हों या लड़कियां दोनों के लिए काफी संभावनाएं हैं।
सोशल मीडिया भी इसका एक बेहद अच्छा माध्यम है, जिसके ज़रिए लोग अपना हुनर दुनिया के सामने ला सकते हैं। आप भी किसी रेसिपी की तैयारी करने के लिए सोशल मीडिया की मदद ही लेते हैं न? सोशल मीडिया के ऐसे ही एक जूनियर शेफ हैं, जयपुर के रहनेवाले सभ्य गुप्ता। सभ्य, सिर्फ सात साल के हैं और कुकिंग में माहिर हैं। इस छोटी उम्र में भी उन्हें स्वाद, एरोमा सहित रसोई की सारी जानकारियां हैं। वह खुद अपने घर में आए मेहमानों के लिए पकौड़े बनाते हैं।
सबसे अच्छी बात तो यह है कि उनके इस शौक़ को आगे बढ़ाने के लिए उनकी माँ डॉ. रुचिका गुप्ता उनकी काफी मदद करती हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए रुचिका कहती हैं, “अगर मैं मुंबई या किसी और बड़ी सिटी में रहती, तो अब तक अपने बेटे का एडमिशन कुकिंग क्लॉस में करा चुकी होती। हालांकि, सभ्य आगे चलकर इसे अपना प्रोफेशन बनाएगा या नहीं यह तो मुझे नहीं पता, लेकिन फ़िलहाल उसे कुकिंग में इतनी रुचि है कि वह मुझसे भी ज़्यादा समय तक किचन में रहता है और मुझसे भी अच्छा खाना बनाता है।"
बचपन से कुकर से खेलने का था शौक़
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रुचिका ने बताया कि जब सभ्य सिर्फ नौ महीने का था, तभी से उसे कुकिंग और रसोई के बरतनों में रुचि थी। उसे किसी खिलौने से अधिक प्रेशर कुकर और बड़ी-बड़ी कढ़ाई से खेलने में मज़ा आता था।
वह बताती हैं, “बचपन में हर बच्चा किसी विशेष आवाज़ से खुश होता है। सभ्य जब सिर्फ नौ महीने का था तब से वह कुकर की सिटी बजने पर खुश हो जाया करता था। फिर धीरे-धीरे वह इसकी नकल करने लगा। जब उसने चलना सीखा, तब वह मेरी रसोई से सारे बर्तन लेकर खेलने लगता था। उससे कुकर वापस लेने के लिए मुझे काफी मिन्नतें करनी पड़ती थीं।"
उन्होंने बताया कि थोड़ा बड़ा होने पर वह किचन में छोटे-छोटे काम भी करने लगा। दो साल की उम्र तक तो सभ्य कढ़ी के लिए मिक्स्चर, सैंडविच जैसी चीजें बनाने लगा था। रुचिका कहती हैं, “हमारे परिवार और रिश्तेदारों में सबको पता था कि सभ्य को किचन में काम करना पसंद है, इसलिए सभी उसे किचन सेट गिफ्ट भी करते थे।”
हालांकि कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने रुचिका को इस बात का ताना भी मारा कि बेटे को हलवाई बनाना है क्या? लेकिन ऐसी बातों को दरकिनार करते हुए रुचिका ने सिर्फ अपने बेटे के शौक़ की ओर ध्यान दिया।
पांच साल की उम्र में खुद का किचन था जूनियर शेफ सभ्य के पास
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किसी दूसरे बच्चे की तरह सभ्य को कार्टून या म्यूज़िक से ज़्यादा कुकिंग वीडियोज़ देखने में दिलचस्पी थी और ऐसा नहीं है कि उन्हें अपनी माँ को देखकर कुकिंग में रुचि हुई। रुचिका कहती हैं, “मैं एक डॉक्टर हूँ और नियमित कुकिंग भी नहीं करती हूँ। न ही मैं कभी फ़ोन या टीवी पर कुकिंग वीडियोज़ या शो देखती थी, लेकिन सभ्य में यह शौक़ बचपन से ही है। इसलिए वह हमेशा कुकिंग वीडियोज़ देखता रहता है। उसने ही मुझे पहली बार यूट्यूब पर एक मिनिएचर कुकिंग वीडियो दिखाया था।"
इसके बाद रुचिका ने अपने बेटे के लिए घर के एक कमरे में किचन सेटअप करवाया था। उस समय उनके दिमाग में इंस्टाग्राम के लिए वीडियो या रील बनाने का कोई विचार नहीं था। वह बस अपने बेटे के लिए एक प्ले एरिया बनाना चाहती थीं। अपने छोटे से किचन में सभ्य हमेशा कुछ न कुछ बनाता रहता था।
रुचिका ने बताया कि चार साल की उम्र से सभ्य, फायर कुकिंग में भी माहिर हो चुका था। वह आराम से गैस स्टोव पर कुकिंग कर सकता था। हालांकि, उस दौरान सुरक्षा के लिए कोई उसके साथ ज़रूर रहता था।
लॉकडाउन में शुरू किया इंस्टा कुकिंग चैनल
सभ्य कुकिंग तो अच्छी करता ही है, साथ ही उसे कैमरे के सामने बोलने में भी कोई झिझक नहीं होती है। इस बात का पता रुचिका को तब हुआ, जब लॉकडाउन के दौरान सभ्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक स्पीच को कॉपी करके एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। उस दौरान हर कोई घर में कुकिंग करके अपने-अपने सोशल मिडिया के ज़रिए अपनी प्रतिभा दिखा रहा था।
इसलिए रुचिका ने सोचा कि क्यों न सभ्य का टैलेंट भी लोगों को दिखाया जाए। फिर उन्होंने एक इंस्टा पेज बनाया और धीरे-धीरे सभ्य के कुकिंग रील्स बनाकर अपलोड करना शुरू किया।
लोगों को इस छोटे बच्चे की कुकिंग रील्स इतनी अच्छी लगने लगीं कि उनके फॉलोअर्स भी बढ़ने लगें। रुचिका कहती हैं, “फॉलोअर्स बढ़ाना या इससे कुछ पैसे बनाना कभी भी मेरे इंस्टाग्राम पेज का मकसद नहीं रहा। हम सिर्फ अपने बेटे की ख़ुशी और उसे प्रोत्साहित करने के लिए काम करते हैं। रील्स के तक़रीबन सभी आईडियाज़ सभ्य के खुद के ही होते हैं। लेकिन रेसिपी बताने और इसके लिए सामान लाने में मैं उसकी मदद करती हूँ।"
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सभ्य मशहूर शेफ रणवीर बरार को बहुत पसंद करता है और उनके वीडियोज़ भी देखता है। सभ्य कहता है, “मुझे पकौड़े बनाना सबसे ज़्यादा पसंद है। मेरे घर में आए मेहमानों को मैं अपने खुद के किचन में पकौड़े बनाकर खिलाता हूँ।"
फिलहाल उनके इंस्टाग्राम पेज mymom_taughtmethis के एक लाख से ज़्यादा फोल्लोवेर्स हैं। जिस तरह से रुचिका अपने बेटे के हुनर को बढ़ावा दे रही हैं, हो सकता है कि आने वाले समय में सभ्य भी एक बड़ा सेलिब्रिटी शेफ बन जाए।
आशा है आप भी अपने बच्चों के सही हुनर को पहचान कर, यह सोचे बिना कि यह लड़कियों के शौक़ हैं या लड़कों के, उसे बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे।
संपादन-अर्चना दुबे
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