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Home अनमोल इंडियंस 25 सालों से पौधे लगा रहे दिहाड़ी मजदूर कन्नन, कई बार काट दिए गए पेड़ फिर भी नहीं मानी हार

25 सालों से पौधे लगा रहे दिहाड़ी मजदूर कन्नन, कई बार काट दिए गए पेड़ फिर भी नहीं मानी हार

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Daily wager C C Kannan planted hundreds of saplings

केरल के रहनेवाले सीसी कन्नन को बचपन से ही पौधे लगाने का बहुत शौक़ था। उन्होंने काफी छोटी उम्र से ही एर्नाकुलम में मौजूद अपने घर के चारों ओर फूल और सजावटी पौधे लगाने शुरू कर दिए थे और बचपन में शुरू हुआ पौधारोपण का वहा सिलसिला आज, 54 साल की उम्र तक कायम है।

एक दिहाड़ी मजदूर कन्नन का कहना है, ''पौधे मुझे खुश रहने में मदद करते हैं। उनके लिए मेरा प्यार समय के साथ बढ़ता ही रहा है।” वह पिछले 25 सालों से सार्वजनिक जगहों, बंजर ज़मीनों पर और सड़कों के किनारे पेड़-पौधे और फूल लगाने का काम कर रहे हैं।

कनन्न के घर के पास एक बड़ा बगीचा बनाने के लिए जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने एमसी रोड के पास एक बंजर ज़मीन को साफ किया और यहां कई किस्मों के पौधे लगाए। ये सारे पौधे उन्होंने बिना किसी खर्च के अपने दोस्तों और पड़ोसियों से लेकर लगाए थे।

C C Kannan doing plantation with students
C C Kannan doing plantation with students

कई बार काट दिए गए पौधारोपण के शौकीन कन्नन के लगाए पेड़-पौधे

करीब 10 साल पहले सड़क को चौड़ा करने के लिए, किनारों पर कन्नन ने जो पेड़ लगाए गए थे, उन्हें काट दिया गया। लेकिन कन्नन भी कहां हार मानने वाले थे, उन्होंने अपने काम को जारी रखा। लेकिन फिर किसी ने उनके लगाए छोटे-छोटे पौधों को भी उखाड़ दिया। तब उन्होंने सड़क किनारे के बजाय, स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में पौधे लगाने का फैसला किया। यहां बच्चे पौधों का पूरा ध्यान रखते हैं और कन्नन उन्हें पेड़ों का महत्त्व समझाते हैं।  

अब तक वह 13 आंगबाड़ियों में 100 से भी अधिक पेड़ लगा चुके हैं। कन्नन से जब भी कोई पूछता है कि वह यह काम क्यों करते हैं, तो उनका एक ही जवाब होता है, "खुशी के लिए, आज के समय में जब हर कोई अपने बारे में सोचता है, तो कुछ लोग तो ऐसे भी होने चाहिए, जो पर्यावरण के बारे में सोचें।"

कन्नन को नवंबर 2022 में पर्यावरण संरक्षण में दिए गए उनके योगदान के लिए 'P V Thampy Memorial Endowment Award' से सम्मानित किया गया। अब आगे कन्नन, और भी स्कुल, कॉलेज के बच्चों को अपने इस काम में जोड़ना चाहते हैं!

सीसी कन्नन अपनी आखिरी साँस तक इस काम को करते रहना चाहते हैं!

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