सिर्फ तीन स्टेप्स में 120 तरह के डिश पकाता है यह रोबोट

Automatic Cooking Machine

बेंगलुरु के स्टार्टअप Euphotic Labs के सह-संस्थापक, यतिन वराछिया ने एक Automatic Cooking Machine, NOSH बनाया है। य

क्या आप भी सोचते हैं, कितना अच्छा हो अगर ऑफिस या जिम से घर लौटने पर, पका-पकाया खाना मिल जाए? लेकिन घर पर आपके लिए, प्यार से खाना बनाने वाला कोइ नहीं। तो अब आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाएगी एक Automatic Cooking Machine।   

आज कल टेक्नॉलजी ने हमारा हर काम आसान बना दिया है, फिर चाहे वह एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कैब बुक करना हो या, घर बैठे-बैठे खाना मंगवाना। समय के साथ ऐसी तकनीकी भी विकसित हो चुकी है, जिससे आपको रसोई में जाकर खाना बनाने से भी आजादी मिल सकती है। कई बार आप ऑफिस का काम कर के इतने थक जाते हैं कि घर आकर खाना बनाना मुश्किल लगता है! ऐसे में, यह तकनीकी आपके काम सकती है।  

NOSH नाम के इस Automatic Cooking Machine को बेंगलुरु के एक स्टार्टअप Euphotic Labs के सह-संस्थापक, यतिन वराछिया ने डिज़ाइन किया है। 34 वर्षीय यतिन का कहना है कि घर से दूर अच्छा खाना खाने के शौक से, उन्हें इसे बनाने की प्रेरणा मिली।  

द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “मैं गुजरात के एक छोटे से गाँव कंटवा से ताल्लुक रखता हूँ और 2008 में पढ़ाई के लिए बेंगलुरु आ गया था। मैंने भारतीय विज्ञान संस्थान से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। जिसके बाद कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम भी किया। लेकिन इन सालों में, मैं अच्छा खाना खाने के लिए तरसता रहा। वहीं बाहर रेस्तरां का खाना खाकर भी मैं बोर हो चुका था। 

शादी के बाद भी, खाने से जुड़ी उनकी समस्या वैसी की वैसी ही थी। क्योंकि उनके साथ उनकी पत्नी का भी ज्यादा समय अपने काम और ऑफिस से घर आने में चला जाता था।  खाना बनाने का समय कम ही मिल पता था। यतिन के अधिकतर दोस्तों की भी यही समस्या थी। वह बताते हैं, “मैंने लगभग 100 लोगों के साथ इस पर चर्चा की, जिनमें से 50% लोग अमेरिका में रहते थे। मैंने देखा की भारत हो या अमेरिका, समय की कमी के कारण लोग परंपरागत भारतीय खाना पका कर खाने का लुफ्त नहीं उठा पाते।”

उनके कई दोस्तों ने, अनहेल्दी खाने की आदतों के बारे में भी शिकायत की और बताया कि कैसे वे खाने के लिए तैयार पैकेज्ड फूड पर निर्भर थे। कई दोस्तों ने कहा कि बार-बार रेस्तरां का खाना खाकर उनका पेट खराब जो जाता है। 

साल 2016-17 में, यतिन ने अपने दोस्त प्रणव रावल, अमित गुप्ता और सुदीप के साथ अपने आईडिया के बारे में बात की। तीनों ने मिलकर, एक ऐसा डिवाइस बनाने का सोचा, जो खाना पकाता हो और जिससे उनके जैसे लोगों की समस्या दूर हो सके। 

NOSH Automatic Cooking Machine

एक जैसे स्वाद का वादा 

अपने तीन साल के प्रयासों, कई प्रयोगों और छह प्रोटोटाइप बनाने के बाद, उन्होंने इस automatic cooking machine, NOSH को बनाया। यह automatic cooking machine आपके स्वाद और जरूरत के अनुसार 120 से ज्यादा डिशेस पकाती है। वह भी सिर्फ तीन आसान स्टेप्स में ।  

अपनी मशीन के बारे में बात करते हुए, वह कहते हैं कि यह मशीन एक माइक्रोवेव के आकार की है। जिसमें बने अलग-अलग कंटेनर्स में आपको आपके पसंद के खाने से जुड़ी सामग्री और मसालों को भरना होता है। वह कहते हैं, “मसाले, तेल और पानी के लिए अलग स्लॉट हैं। वहीं मुख्य सामग्री जैसे सब्जियां, पनीर या मांस, ट्रे में जाते हैं। जिसके बाद आपको बस अपने पसंद की डिश को चुनना होता है। बाद में, यह मशीन अपना काम करती है और बिना आपके कुछ किए, खाना तैयार हो जाता है।”

आगे वह बताते हैं, “हालांकि इस प्रक्रिया में किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है, लेकिन खाना बनने में समय उतना ही लगता है। यह मशीन दी हुई रेसेपी का सही तरीके से पालन करती है। साथ ही, यह सुनिश्चित करती है कि सभी चीजें सही से आपस में मिलकर खाना तैयार करे।”

यतिन का कहना है कि इस automatic cooking machine को भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। उन्होंने बताया, यह automatic cooking machine, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस है और मोबाइल ऐप के जरिये चलती है। जिससे यह मटर पनीर, फिश करी और अन्य कई वन-पॉट भोजन पका सकती है। इसके अलावा, इसमें आप अपनी  कैलोरी को ट्रैक कर सकते हैं। वहीं आप इसमें अपने स्वाद के अनुसार नई-नई रेसिपी भी डाल सकते हैं।  

Euphotic Labs के सह-संस्थापक अमित कहते हैं, “हालांकि अपने-आप खाना बनानेवाली मशीन बनाने के बारे में सोचना, जितना आसान है, उतना ही मुश्किल है इसे बनाना।”

उन्होंने आगे कहा,, “NOSH एक बिल्कुल ही नए तरह का प्रोडक्ट है, इसलिए हमारे पास प्रेरणा लेने या सीखने के लिए कोई प्रोडक्ट नहीं था। हमें इसे बनाने के लिए कई ट्रायल और प्रयोग करने पड़े। हर एक डिश के लिए अगल तरीका होता है, जिसे डिवाइस को सिखाना पड़ता है।”

एक उदाहरण देते हुए अमित कहते हैं, “जैसे रवा को भुनने के लिए आपको इसे लगातार चलना पड़ता है। इसलिए मशीन को भी उसी तरह सेट करना पड़ेगा नहीं तो रवा जल जाएगा। किसी सब्जी के लिए लिए प्याज भुनना हो तो भी इसे उस हिसाब से सेट करना पड़ेगा। सब्जी बनाते समय, प्याज़ के सुनहरे भूरे रंग के होने के बाद ही सामग्री और मसाले डाले जाने चाहिए।”

अमित कहते हैं कि हम इंसान खाना पकाने के दौरान, जैसे अपने हाथों को इधर-उधर करके किसी डिश को बनाते हैं। वैसे ही रोबोट के पास इस काम को करने के लिए चार तरह की मोशन तकनीक है। वह कहते हैं, “इस रोबोट को हमने आलू फ्राई करने जैसी आसान चीजों के साथ बनाया था।  बाद में हमने कुछ मुश्किल रेसिपी भी इसमें डाली।”

उन्होंने कहा कि अपने आईडिया के लिए फंड लाना भी एक बड़ी चुनौती थी। वह बताते हैं, “खुशकिस्मती से, हमें इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए सरकार की ओर से कुछ फंड मिला, कुछ बाहर के इन्वेस्टर्स ने भी हमारा साथ दिया, इसके अलावा कुछ पैसा हमने दोस्तों और परिवारवालों से भी लिया। अब हमारी टीम अपने सीड फंड बढ़ाने की प्रक्रिया में लगी है।”

मशीन से आता है, बिल्कुल हाथ से बने खाने का स्वाद 

अमित का कहना है कि हमें इस डिवाइस के 190 प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं। वह बताते हैं, “COVID-19 के कारण फ़िलहाल,  इवेंट और प्रदर्शनियों पर रोक लगी है, इसलिए हम अपने प्रोडक्ट को ग्राहकों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा पा रहे। वहीं इस महामारी ने डिवाइस की जरूरत को बढ़ा भी दिया है, ज्यादातर लोग घर में बना खाना ही खाना चाहते हैं, लेकिन घर से ऑफिस का काम करते हुए उन्हें समय नहीं मिल पा रहा।”

इस automatic cooking machine, NOSH की कीमत 50,000 रुपये है, वहीं इसे प्री-ऑर्डर करने पर यह  40,000 रुपये में आता है। 

सिद्धार्थ घोष,  इस मशीन के कुछ शुरुआती ग्राहकों में से एक हैं। उन्होंने अपने कुछ करीबी दोस्तों से इस डिवाइस के बारे में सुना। वह बताते हैं, “आमतौर पर हम माइक्रोवेव ओवन और ओटीजी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन एक ऐसी मशीन, जो खाना भी पका सके, ऐसा सुनकर मुझे और मेरी पत्नी निहारिका को काफी आश्चर्य हुआ था। लेकिन अब, हम इसमें नियमित रूप से पोहा, उपमा, बिरयानी, कढ़ाई पनीर, चिकन खुरचन, गार्लिक प्रॉन और पास्ता पकाते हैं। इसमें बने खाने का स्वाद भी बेहद अच्छा है।”

निहारिका का कहना कि सबसे हैरान करनेवाली बात यह थी कि खाने का स्वाद बिल्कुल हाथ से बने खाने जैसा ही होता है। उन्होंने बताया, “शुरुआत में, मैं मशीन से बने खाने को लेकर थोड़ा संशय में थी। लेकिन इसे इस्तेमाल करने के बाद, मेरा नज़रिया पूरी तरह से बदल गया। इसके अलावा सबसे अच्छी बात यह है कि automatic cooking machine को किसी तरह के सुपरविज़न की जरूरत नहीं पड़ती।”

यतिन का कहना है कि फ़िलहाल उनका यह स्टार्टअप, अपने प्रोडक्ट को सही तरीके से और हर जगह बेच नहीं पा रहा है। वह बताते हैं, “हमारा लक्ष्य अमेरिका के ग्राहकों तक इस प्रोडक्ट को पहुँचाना है। हमने वहां तकरीबन 40 लाख भारतीयों की पहचान की है, जो अपनी सुविधा के अनुसार ताजा पका हुआ, घर का खाना चाहते हैं। साथ ही कुछ ग्राहक एशिया, यूके, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी हैं। हम USA में अपने प्रोडक्ट के ऑन-फील्ड परीक्षणों की तैयारी कर रहे हैं। 

अंत में यतिन कहते हैं, “हमारा उदेश्य सबके मनपसंद भोजन को सही स्वाद और स्वास्थ्य लाभ के साथ, बिना ज्यादा मेहनत किए उन तक पहुँचाना है। ताकि लोग अपने काम के साथ घर में पका हुआ ताजा खाना खा सकें।”  

मशीन का ट्रायल देखने के लिए यहां क्लिक करें।

भारत में प्री-ऑर्डर के लिए यहां क्लिक करें। भारत के बाहर के लिए, यहां क्लिक करें।

मूल लेख –हिमांशु नित्नावरे

संपादन – अर्चना दूबे

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