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मुंबई के सुधीर राजभर और उनकी प्रेरणा से भरी कहानी को आप दर्शकों ने दिल खोलकर प्यार दिया। एक विषय जिसे दुनिया के समाने उजागर करना जरूरी था। हमने एक प्रयास किया, और महज तीन हफ़्तों में उनकी कहानी को आपके ढेर सारे प्यार और सहकार के साथ इंस्टाग्राम पर मिले 11.6Millon views और 70 हजार से ज्यादा लोगों ने इसे शेयर किया।
दरअसल,"चमार" कभी इस शब्द को अपमान समझा जाता था, उसी शब्द को धारावी के कारीगरों का सम्मान बनाया है सुधीर राजभर।
अपनी पहल Chamar Studio के जरिए। मुंबई के एक चॉल में अपना बचपन बिताने वाले सुधीर उत्तर प्रदेश में बसे एक गांव के चमार परिवार से आते हैं
जहां उनकी जाति को किसी गाली की तरह देखा जाता है। बचपन से आत्मसम्मान के लिए जूझते सुधीर को जब मुंबई की Elite फैशन इंडस्ट्री में भी जगह नहीं मिली। तो उन्होंने अपने उसी अपमान को सम्मान में बदलने की ठानी! उन्होंने धारावी के चमार समुदाय को इकट्ठा किया और जन्म हुआ Chamar Studio का! उन्होंने Leather की जगह Recycled Rubber और Canvas से Handbags, Shoes और Furnitures बनाना शुरू किया और सालों की कड़ी मेहनत के बाद आज उनके बनाए Products की कीमत लाखों में हैं। धारावी से निकलकर उनके साथी कारीगर आज Germany से लेकर Miami तक
छा गए हैं!
इस प्रेरणादायी कहानी को इतना प्यार देने के लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया।