1.सिरोही की रेस्क्यू क्वीन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
कुछ कहानियाँ सिर्फ दिल नहीं छूतीं, बदलाव भी लाती हैं!
सिरोही की ‘Rescue Queen’ अंजू चौहान की कहानी उन्हीं में से एक है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। कभी घर की ज़िम्मेदारियों में उनका सपना खो गया था, लेकिन उन्होंने न सिर्फ अपने सपने को फिर से जिंदा किया, बल्कि बेजुबानों की आवाज़ भी बन गईं। वनरक्षक की नौकरी के साथ-साथ, वो स्कूलों और गाँवों में जाकर बच्चों को सिखाती हैं, साँपों से डरना नहीं, उन्हें समझना ज़रूरी है।
https://www.youtube.com/watch?v=UxiFyJcr63k
उनके इन प्रयासों की कहानी जब The Better India पर प्रकाशित हुई, तो पूरे देश ने उनके काम को सराहा।3000 से ज़्यादा साँपों को रेस्क्यू करने वाली अंजू को अब उनके साहस और समर्पण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनकी कहानी देश की 14 बेहतरीन महिला रेंजर्स में शामिल की गई है।और आज, सिरोही की यह ‘Rescue Queen’ पूरे भारत के लिए प्रेरणा की मिसाल बन चुकी हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=IUmEmvIvcl8
2. बुलेट से शुरू हुआ बर्गर बिज़नेस आज एक कैफ़े में बदल गया
बुलेट पर 700 रुपए से शुरू हुआ बर्गर का बिजनेस, आज बन गया लाखों-करोड़ों का कैफ़े बिजनेस! अहमदाबाद में 'टम्मी टिक्की बर्गर' नाम से तपन ब्रह्मभट्ट ने यह काम महज 700 रुपये के निवेश के साथ अपनी बुलेट से शुरू किया था। उनका प्लान और हौसला इतना मजबूत था कि जल्द ही यह एक सफल बिज़नेस में बदल गया।
https://www.youtube.com/watch?v=3m4GN2knGhQ
द बेटर इंडिया हिंदी में उनकी इस हिम्मत और मेहनत की कहानी को लोगों ने ढेर सारा प्यार दिया। एक छोटी सी कोशिश अब लाखों लोगों तक पहुँच चुकी है।आज, जब तपन का खुद का कैफ़े अहमदाबाद के रिवरफ्रंट पर खुला है, उन्होंने इस सफलता में हमें और द बेटर इंडिया के दर्शकों को भी धन्यवाद कहा।सच में, छोटी-छोटी कहानियां भी बड़े बदलाव ला सकती हैं, और तपन की सफलता ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है।
3.कजरी की ये दिवाली रौशन बनाने के लिए, आपका शुक्रिया
जब हमने लखनऊ में रहने वाली कजरी की दिल छू लेने वाली कहानी जानी, तो इसे आप तक पहुँचाया।
इसी उम्मीद से कि छोटी-सी कजरी और उसके परिवार की कुछ मदद हो जाए!
https://www.facebook.com/reel/1174034731453892
इस साल दिवाली के त्यौहार पर उनका घर भी रौशनी और खुशियों से भर जाए!कजरी की मासूमियत और मेहनत देख आपने हमारा साथ दिया.. और उसके चेहरे पर मुस्कान लेकर आए। इससे बड़ा तोहफ़ा और क्या हो सकता है?हमारी कहानी के ज़रिए लोग उसके माता-पिता की दुकान तक पहुँचे, परिवार के लिए राशन, मिठाइयाँ और बच्ची के लिए नए कपड़े लेकर आए।बात सिर्फ़ इन तोहफ़ों की नहीं है; बात है एक-दूसरे पर विश्वास की; किसी ज़रूरतमंद के काम आने की, और इंसानियत को कायम रखने की।
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