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Aloe Vera ने दी नयी पहचान, सरकारी नौकरी छोड़, बन गए करोड़ों कमाने वाले बिज़नेसमैन

राजस्थान के मुकेश कुमार ने सरकारी नौकरी छोड़कर, एलोवेरा, अश्वगंधा हर्बल जैसी फसलों के हर्बल उत्पाद का बिज़नेस शुरु किया था और आज उनकी कमाई करोड़ों में है।

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Aloevera processing business

हमारे समाज में आज भी यदि सरकारी विभाग में किसी की नौकरी लग जाए, तो गांव-मोहल्लों में चर्चा होने लगती है। लेकिन यदि कोई अच्छी-खासी सरकारी नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरु कर दे तो? आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स से मिलवाने जा रहे हैं। 

यह कहानी राजस्थान के मुकेश कुमार बहरोड़ की है। कुछ समय प्राइवेट तो कुछ साल सरकारी विभाग में काम करने के बाद, मुकेश ने नौकरी छोड़, बिज़नेस की शुरुआत की। जब मुकेश ने नौकरी छोड़ी, तब भले ही लोगों ने बातें बनाई। लेकिन आज जो भी उन्हें देखता है, अपने बच्चों को उनकी तरह आगे बढ़ने की सलाह देता है। क्योंकि, मुकेश की पहचान आज एक सफल बिज़नेसमैन के रूप में है, जो न सिर्फ खुद आगे बढ़ रहे ,हैं बल्कि 80 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं। उनकी कंपनी Sovam Crop Science Private Limited के जरिए किसानों की सबसे अधिक मदद हो रही है। मुकेश किसानों से उनकी औषधीय फसलें सीधा अच्छे दामों पर खरीदते हैं और हर्बल उत्पाद बनाकर बाजार में पहुंचा रहे हैं। 

मुकेश ने द बेटर इंडिया को बताया कि उन्होंने मात्र 30 हजार रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था, जिसका सालाना टर्नओवर आज चार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। 

9 से 5 की नौकरी रास नहीं आई

Successful businessman story of mukesh kumar
Mukesh Kumar

मुकेश बताते हैं कि वह जयपुर के एक गांव से संबंध रखते हैं। गांव के सरकारी स्कूल से पढ़े मुकेश को हमेशा से पता था कि उनकी पढ़ाई ही उन्हें आगे लेकर जाएगी। इसलिए उन्होंने पहले ग्रैजुएशन और फिर एमबीए की डिग्री की। एमबीए के दौरान ही उन्होंने तय किया था कि वह अपना बिज़नेस करेंगे। लेकिन उनके ऊपर अपने घर की ज़िम्मेदारी भी थी, इसलिए उन्होंने पढ़ाई पूरी होने के बाद, सबसे पहले प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की, ताकि उनका परिवार एक अच्छी जिंदगी जी सके। 

"गांवों में आज भी सरकारी नौकरी को लेकर लोग बहुत उत्सुक रहते हैं। इसलिए परिवार के कहने पर, मैंने भी राज्य-स्तर की परीक्षाएं दी और 2008 में मुझे ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर का पद मिल गया। लेकिन कुछ महीनों में ही मुझे लगने लगा कि यह वह काम नहीं है जो मैं करना चाहता हूं। मैं नौ से पांच की नौकरी में फंसकर नहीं रहना चाहता था। क्योंकि इस नौकरी से मैं अपने परिवार की समय के साथ बढ़ती जरूरतें पूरी कर सकता था। लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं," उन्होंने कहा। 

इस सबको देखते हुए साल 2012 में उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कहा, "यह रिस्क तो था, लेकिन मुझे खुद पर विश्वास था कि मैं बिज़नेस में कामयाब हो सकता हूं। खुद किसान परिवार से हूं तो मुझे यह भी आईडिया था कि कैश क्रॉप से किस तरह पैसा बनाया जा सकता है। इसी बीच, मुझे अपने एक दोस्त के फार्म पर जाने का मौका मिला। वह एलोवेरा की खेती करते हैं और मुझे पता चला कि इसके पल्प की मार्केटिंग से अच्छा कमा रहे हैं। यहीं से मुझे आईडिया मिला।"

30 हजार रुपए के निवेश से की शुरुआत

मुकेश को आईडिया मिल गया कि वह इसी तरह प्रोसेसिंग करने वाले अलग-अलग समूहों से उत्पाद खरीदकर बाजार तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने अपनी बचत के 30 हजार रुपए निवेश किए और जयपुर में एक ऑफिस किराये पर लेकर अपना काम शुरू किया। अलग-अलग किसानों, उत्पादकों और कंपनियों से वह लगातार मिलते रहे। जहां भी उन्हें कुछ सीखने या लोगों से जुड़ने का मौका मिलता वह पहुंच जाते थे। एक-डेढ़ साल की मेहनत से आखिरकार उनका काम चल पड़ा और उन्हें अच्छी बचत होने लगी। 

Herbal products of aloevera
Making Herbal Products

उन्होंने बताया कुछ समय तक हर्बल उत्पादों की ट्रेडिंग के बाद उन्हें लगा कि क्यों न वह खुद ही उत्पाद बनाये और ग्राहकों तक पहुंचाए। इससे किसी दूसरे पर उनकी निर्भरता भी खत्म होगी और वह गुणवत्ता को बरकरार रखकर लोगों को उत्पाद दे पाएंगे। साल 2016 में, उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत की और जयपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोली। 

"मैंने अलग-अलग किसानों से संपर्क किया और सबसे पहले किसानों से एलोवेरा खरीदना शुरू किया। एलोवेरा के बाद अश्वगंधा, लेमन ग्रास, त्रिफला, और तुलसी जैसी अन्य औषधीय फसलें भी किसानों से खरीदने लगा। आज मैं 12 किसानों से उनकी अलग-अलग फसलें खरीदता हूं। इससे उन्हें भी बाजार में कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती है और हम भी किसानों को ही सीधा अच्छा दाम दे पाते हैं। अलग-अलग औषधीय फसलों से और इन्हें मिलाकर आज हमारी कंपनी 500 से ज्यादा हर्बल उत्पाद तैयार कर रही हैं। इन उत्पादों को हम लगभग 400 कंपनियों को बेच रहे हैं जो इस सेक्टर में सीधा ग्राहकों से जुडी हुई हैं। उनकी मांग के हिसाब से हम उत्पाद तैयार करते हैं और उन तक पहुंचाते हैं। जिसे वे क्वालिटी चेक के बाद अपने ब्रांड नाम से आगे मार्किट करते हैं," उन्होंने कहा। 

चार करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर

मुकेश बताते हैं कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण इम्युनिटी बूस्टर उत्पाद जैसे एलोवेरा जूस, त्रिफला जूस, गिलोय जूस, पाउडर आदि की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है। इस कारण उन्हें भी बल्क में ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने बताया कि उनका इस साल का टर्नओवर चार करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। आज लोगों को यकीन नहीं होता कि 30 हजार रुपए के निवेश से कोई करोड़ों कैसे कमा सकता है? लेकिन मुकेश का कहना है कि यह सब लगातार मेहनत और सीखते रहने के कारण सम्भव हो पाया है। 

जब उन्होंने अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की तो पहले-पहले नुकसान भी हुआ था। क्योंकि उत्पाद सही तरीके से तैयार नहीं हो रहे थे। ऐसे में, हार मानने की बजाय उन्होंने खुद इस काम को सीखने का फैसला किया। उन्होंने खुद प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग ली। साथ ही, दो-तीन फार्मासिस्ट को भी काम पर रखा ताकि सभी उत्पाद बाजार के हिसाब से तैयार हों, जो ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हों। अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर काम करने के साथ-साथ उन्होंने मार्केटिंग पर भी काम किया। 

Indiamart helping in marketing
Selling through IndiaMart

मुकेश ने ऑनलाइन स्पेस का फायदा उठाया और अपने बिज़नेस को इंडियामार्ट, ट्रेडमार्ट जैसे हॉलसेल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया। इससे उनके बिज़नेस को आगे बढ़ने का मौका मिला। वह कहते हैं कि इंडियामार्ट के माध्यम से हर रोज दो या तीन क्लाइंट उनके यहां आते ही हैं। होलसेल मार्किट में काम करने के साथ-साथ, वह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़न और फ्लिपकार्ट के माध्यम से सीधा ग्राहकों से भी जुड़े हुए हैं। उनका मानना है कि आज के जमाने में कम से कम निवेश में भी आप अपने बिज़नेस को प्रोमोट कर सकते हैं। क्योंकि बहुत से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आज उपलब्ध हैं। 

जल्द ही, मुकेश अपनी एक और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने जा रहे हैं। आज के युवाओं के लिए वह सिर्फ यही संदेश देते हैं कि ऑनलाइन स्पेस का प्रयोग सिर्फ फ़िल्में या वेब सीरीज देखने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए रोजगार के अवसर बनाने के लिए भी करना चाहिए। अगर किसी को नौकरी नहीं मिल रही है तो उन्हें अपना कोई काम शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए। आजकल सरकार की तरफ से भी कृषि विज्ञान केंद्र, सामाजिक संगठनों के माध्यम से कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को इन अवसरों को तलाशते रहना चाहिए और ट्रेनिंग लेकर छोटे से छोटे स्तर से अपना व्यवसाय शुरू कर देना चाहिए। 

अगर आप मुकेश के हर्बल उत्पादों को देखना चाहते हैं तो उनकी वेबसाइट- https://www.sovamindia.com/ पर जा सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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