शिव शक्ति ब्रांड, एक बिज़नेस जो इस बात का गवाह है कि जब बच्चों पर बात आती है, तो माँ से बड़ा कोई योद्धा नहीं होता, चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति आ जाए, लेकिन एक माँ अगर ठान ले, तो हर परेशानी को घुटनों पर लाने का माद्दा रखती है। यह कहानी है कोटा के एक छोटे से गांव से अपनी तीन बेटियों को पढ़ाने के लिए कोटा शहर, किराये के मकान में आईं किरण स्वामी की।
किरण ने अपने लंबे संघर्ष और कभी हार न मानने के जज़्बे के ज़रिये न सिर्फ अपनी खस्ताहाल आर्थिक स्थिति बदली, बल्कि कई अन्य महिलाओं को भी अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। आज उनके पास खुद का घर भी है और एक अच्छा बिज़नेस भी।
“एक समय था, जब चार-चार दिन तक अपनी बेटियों को खिलाने के लिए दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती थी, मायके से आये चावल से बने परमल खाकर गुज़ारा किया, लेकिन हालातों के सामने हार नहीं मानी। बेटियों ने हौसला बढ़ाया और हमने संघर्ष जारी रखा। हाथ का हुनर था, इसलिए वह समय भी बीत गया और आज सुकून भरी जिंदगी जी रहे हैं”, यह कहना है किरण स्वामी का।
किरण ने लम्बे समय तक कठिन परिश्रम कर जीवन को नई दिशा दी और सफल गृह उद्योग के माध्यम से बिगड़ी परिस्थिति को दुरुस्त किया। फ़िलहाल उनके बिज़नेस का टर्नओवर सालाना 12 लाख रुपये के लगभग है, जिसमें उनकी अच्छी खासी बचत हो जाती है।
पति के एक्सिडेंट और पार्लर बंद हो जाने के बाद भी नहीं मानी हार
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर के संपन्न परिवार में जन्मीं किरण स्वामी की शादी, जब कोटा के पास सुल्तानपुर गांव में हुई, तो उन्हें ज़रा भी आभास नहीं था कि आगे का जीवन उनके लिए इतना कठिन होगा। घर से ही बिज़नेस चलाने वाली किरण सिर्फ 10वीं पास हैं। लेकिन उन्होंने अपनी कम शिक्षा और अधिक उम्र को कभी भी अपनी सफलता के बीच नहीं आने दिया। उनकी लगन, कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने उन्हें सम्पन्नता के साथ समाज में प्रतिष्ठा भी दिलाई और आज वह अनेक महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
कुछ सालों पहले किरण स्वामी, अपने पति राजेंद्र स्वामी के साथ तीनो बेटियों की अच्छी शिक्षा के लिए कोटा आईं। पति ड्राइवर थे, इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि घर का खर्च और बेटियों की अच्छी पढ़ाई हो सके, इसलिए किरण ने एक ब्यूटी पार्लर किराये पर लेकर घर के खर्च का कुछ भार अपने कंधो पर उठा लिया।
दुर्भाग्यवश कुछ समय बाद, पति का एक्सीडेंट हो गया और उन्हें पूरी तरह से बेड रेस्ट पर जाना पड़ा। कुछ ही दिनों बाद, आर्थिक स्थिति डामाडोल हो गई और किरण को किराया न चुका पाने के कारण ब्यूटी पार्लर खाली करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मायके से मदद लेकर, हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर बनाकर बेचना शुरू किया।
साथ ही ऑन डिमांड कच्चे आम, लसोड़े, मिक्स सब्जी का आचार और निम्बू की चटनी भी बनाकर सप्लाई करने लगीं। धीरे-धीरे उनके हाथों के बने स्वादिष्ट व पौष्टिक आचार ने उनके प्रोडक्ट की मांग को अधिक बढ़ा दिया। उनके आचार कोटा की दहलीज़ पार कर, मुंबई तक जाने लगे और किरण की डामाडोल आर्थिक स्थिति पटरी पर लौटने लगी। बढ़ती डिमांड को देखते हुए, उन्होंने वर्ष 2019 में शिव शक्ति ब्रांड नाम से अन्नपूर्णा गृह उद्योग शुरू किया।
500 से अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग और 20 को दिया रोज़गार
किरण, गर्मी के दिनों में खस-खस, नींबू, गुलाब, पुदीना, कच्चे आम, पान, आंवला और अनानास आदि फलों के हर्बल शरबत बनाती हैं। वहीं, उनके बनाए सिरके वाले 16 तरह के आचार जैसे-आंवला, कच्चे आम, लहसुन, अमरूद, लसौड़े, हल्दी, मिर्ची, अदरक, गाजर और खट्टी-मीठी हर्बल नींबू चटनी के साथ, आँवला, सेब और गाजर के मुरब्बे की भी बड़ी डिमांड है।
इसके अलावा, वह टमाटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, हल्दी, धनिया आदि का पाउडर और मैगी, सांभर, सब्जी, पावभाजी, पास्ता, छोले, जीरामन व रायता मसाला समेत 13 तरह के मसाले भी खुद बनाकर बेचती हैं। किरण के प्रोडक्ट कम दाम, अच्छी गुणवत्ता और स्वाद के लिए काफी पसंद किये जाते हैं।
किरण स्वामी ने शिव शक्ति ब्रांड की शुरुआत कर न सिर्फ खुद की आर्थिक स्थिति सुधारी है, बल्कि अपने जैसी कई अन्य महिलाओं को भी स्वावलम्बी बनाया है। किरण 30 से ज्यादा तरह के हैंडक्राफ्ट कोर्सेज़ की ट्रेनिंग देती हैं और सरकार व स्वयं सेवी संस्थानों की मदद से अब तक 500 से अधिक महिलाओं को फ़ूड प्रॉसेसिंग, ब्यूटी पार्लर, मेहंदी, कढ़ाई, बुनाई, कशीदे, आर्ट व क्राफ्ट और सिलाई आदि से गृह उद्योग चलाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।
वह व्यक्तिगत तौर पर भी प्रक्षिक्षण देती हैं, जिसमें दिव्यांगजन और ज़रूरतमंद महिलाओं को निःशुल्क सुविधा मुहैया करवाती हैं। किरण के शिव शक्ति ब्रांड से 6-7 महिलाओं को सीधे रूप से रोज़गार मिला है, जबकि 20 से ज्यादा महिलाओं को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हो रहा है। उनके पति और बेटी भी अब उनके काम में उनकी बराबर मदद करते हैं।
अलग-अलग शहरों के मेलों में लगाती हैं शिव शक्ति ब्रांड का स्टॉल
51 साल की किरण स्वामी अपने उत्पाद के प्रचार और बिक्री के लिए, इस उम्र में भी कठिन परिश्रम से पीछे नहीं हटतीं। वह खुद अकेले मध्यप्रदेश, राजस्थान के अलग-अलग ज़िलों में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों में जाकर स्टॉल लगाती हैं और अपने उत्पाद बेचती हैं।
वह बूंदी, उदयपुर, जयपुर, जैसलमेर, डूंगरपुर, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, उज्जैन, इंदौर, देवास, आदि शहरो में लगने वाले विभिन्न मेलों में अपने शिव शक्ति ब्रांड का स्टॉल लगा चुकी हैं। बाड़मेर बाल विकास महिला अधिकारिता विभाग ने उन्हें उनके प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और स्वाद के लिए सम्मानित भी किया।
किरण स्वामी बताती हैं, “जब संघर्ष था तब सबने परेशान किया, पार्लर चलने लगा तो पार्लर की मालकिन ने रेंट बहुत बढ़ा दिया, पिसाई का व्यवसाय सेट हुआ, तो मकान मालिक ने बेवजह मकान खाली करवा लिया। मजबूरन शहर से बहुत दूर किराये का घर लेना पड़ा और नए सिरे से शुरुआत करनी पड़ी। सरकारी स्कीम में गृह लघु उद्योग के लिए लोन मंजूर भी हो गया, लेकिन बैंक वालों ने रोक दिया, कहीं से कोई वित्तीय मदद नहीं मिली।”
जिन लोगों ने गरीबी का उड़ाया मज़ाक वे ही मांगते हैं डिस्काउंट
किरण ने कहा, “मुसीबत के समय सबने मुंह मोड़ लिया, लेकिन ईश्वर ने कभी साथ नहीं छोड़ा, इसी वजह से आज मैं और मेरा परिवार खुश हैं। आज हमारे पास शिव शक्ति ब्रांड नाम का अपना बिज़नेस है, खुद का घर है। जो लोग कभी गरीबी के समय हम पर हंसते थे, आज वे ही प्रोडक्ट में डिस्काउंट मांगते हैं और शर्बत व मसालों की विधि सिखाने के लिए मिन्नतें करते हैं।”
अब आगे किरण ज़मीन लेकर वहीं पर बड़ा प्लांट डालने की तैयारी कर रही हैं और उस प्लांट में सिर्फ महिलाओं को ही रोज़गार देना चाहती हैं।”
किरण स्वामी ने जिस तरह से विकट परिस्थितियों में भी हार न मानते हुए अपने पति के साथ घर की ज़िम्मेदारी उठाई, जो साहस दिखाया, वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
अगर आप भी किरण स्वामी के शिव शक्ति ब्रांड वाले अन्नपूर्णा गृह उद्योग में बने स्वादिष्ट व बिना सिरके वाले आचार, खट्टी-मीठी नींबू चटनी, हर्बल शरबत, किचन मसाले और मुरब्बे का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो उनसे +91-6376678594 पर संपर्क कर सकते हैं।
संपादनः अर्चना दुबे
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