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छत पर नहीं लगा सकते सोलर पैनल? तो जानें, कैसे ‘सोलर बिस्किट’ लगा, कर सकते हैं पैसों की बचत

Solar biscuits by SundayGrids

इंडस्ट्रिअल डिजाइन ग्रेजुएट, मैथ्यू सैमुअल और नसीर सत्याला, बेंगलुरु के स्टूडियो अपार्टमेंट में रहते हैं। अपार्टमेंट के सीमित जगह को देखते हुए इन दोनों का ध्यान एक वास्तविक समस्या पर गया। उन्होंने महसूस किया कि अपार्टमेंट में रहनेवाले लोगों के लिए जगह कम होती है, जहां सोलर पैनल (Solar Panel System) लगाना काफी मुश्किल काम है।

तब दोनों ने सोचना शुरु किया कि आखिर ऐसी कौन सी तकनीक अपनाई जाए, जिससे कम जगह में भी ऊर्जा की बचत हो सके। इसी सवाल का जवाब खोजते हुए उन्होंने ‘संडेग्रिड्स (SundayGrids)’ नाम के एक स्टार्टअप की शुरुआत की। इस बिज़नेस के ज़रिए केरल के रहनेवाले मैथ्यू, लोगों के लिए डिजिटल सोलर एनर्जी तक पहुंच आसान बनाते हैं।

मैथ्यू, नसीर और तरुण जोसेफ ने इस कंपनी की शुरुआत साल 2020 में की थी। तीनों ही डिजाइन और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं। सोलर बिस्किट या डिजिटल सोलर, सोलर प्लांट के एक हिस्से की एक यूनिट है, जो ऑनलाइन बेची जाती है और यूज़र्स इसे रिज़र्व कर सकते हैं।

कैसे काम करते हैं ये सोलर बिस्किट?

Solar Panel

जब कोई समूह या व्यक्ति बिजली के लिए इसका उपयोग करता है, तो वह अपने बिस्किट से रिटर्न या पावर डिविडेंट (क्रेडिट) प्राप्त कर सकता है। यह ग्रीन फाइनेंशिअल निवेश का एक नया तरीका है, जो सोलर एनर्जी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकता है।

इसकी प्रक्रिया काफी सरल है। आप बस उतने सोलर बिस्किट चुन लें, जितने से आपके घर के बिजली बिल की भरपाई हो सके। यह उनसे उत्पन्न बिजली की प्रत्येक यूनिट के लिए ऊर्जा क्रेडिट देता है। इन क्रेडिट्स का उपयोग आपके बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है और इसके बाद भी अगर कुछ बचता है, तो वह भुगतान आपको करना पड़ता है।

संडेग्रिड्स के स्ट्रैटिजी एक्सपर्ट, मैथ्यू ने द बेटर इंडिया से बात करते हुए बताया कि घरों में सोलर पैनल (Solar Panel System) न लगाने के कई कारण हैं। इन कारणों में ज्यादा लागत, सीमित जगह या जगह पर कम धूप मिलना, अस्थायी घर होना शामिल हैं। कई लोग तो घर की छतों को लेकर काफी संवेदनशील भी होते हैं। ऐसे सभी कारणों के लिए एक विकल्प है ‘सोलर बिस्किट’।

सोलर पैनल (Solar Panel System) का बेहतरीन विकल्प

छत पर सोलर पैनल लगाने से जगह काफी अस्त-व्यस्त हो सकती है। छत पर पर्याप्त धूप ना मिलना, परमिट मिलने में आने वाली बाधाएँ और सोलर पैनल (Solar Panel System) स्थापित करने में काफी खर्च आता है, जो हर कोई वहन नहीं कर सकता है।

इन सारी समस्याओं का हल सोलर बिस्किट हो सकता है। यह साझा सोलर प्रोजेक्ट में शामिल होने का एक आसान तरीका है। आप अपने डैशबोर्ड से अपने पैनल की निगरानी कर सकते हैं और उन पर नज़र रख सकते हैं। कमर्शिअल बिल्डिंग या रेजिडेन्शिअल इलाके में बिना किसी सेटअप लागत के स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं और बिजली बिल की बचत कर सकते हैं। 

कंपनी के को-फाउंडर और डिज़ाइन एक्सपर्ट तरुण कहते हैं, “हम होस्ट साइटों पर सोलर सिस्टम स्थापित करते हैं, जो हमारे साथ साझेदारी करते हैं। यूज़र अपनी ज़रूरत के अनुसार सिस्टम से बिस्किट की संख्या चुन सकते हैं। होस्ट पावर के लिए भुगतान करता है और क्रेडिट यूजरों को दिया जाता है। इस तरह, यूजर इन क्रेडिट्स को जोड़कर अपने बिजली बिल में बचत करते हैं।”

वह बताते हैं कि यूज़र यह देख सकते हैं कि डैशबोर्ड पर वास्तविक समय में बिस्किट कैसे चल रहे हैं। यहां तक कि अगर होस्ट से कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो शुरुआत में उनसे एकत्र की गई एक सेक्युरिटी डिपॉजिट, इसे हल करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी और क्रेडिट आना कभी बंद नहीं होगा।

किन चुनौतियों का करना पड़ा सामना?

संदीप  एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उन्होंने संडेग्रिड्स से सोलर बिस्किट खरीदे हैं। वह कहते हैं, “सोलर एनर्जी तो काफी अच्छी मात्रा में है, लेकिन ये ऊर्जा बहुत सुलभ नहीं थी। लेकिन अब संडेग्रिड्स के साथ, मेरे बिस्किट मेरे बिजली बिल के एक हिस्से का भुगतान करते हैं और इसके लिए मुझे सोलर पैनल (Solar Panel System) भी नहीं लगाना पड़ा। मुझे कोई झंझट या परेशानी नहीं हुई।”

Naseer, Mathew and Tarun– the brains behind SundayGrids.

स्टार्टअप के पास अब 80 से अधिक बिजली कंपनियों (जैसे KSEB और BESCOM) से भुगतान की सुविधा है। लेकिन संस्थापकों का कहना है कि पहले छह महीनों में उन्हें कठिन मेहनत करनी पड़ी है। मैथ्यु कहते हैं, “हमारी सबसे बड़ी चुनौतियां तकनीक और संरचना से संबंधित थीं।” वह कहते हैं कि 2020 के शुरुआत से उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी वर्ड ऑफ माउथ और सोशल मीडिया थी। 

क्या सोलर पैनल (Solar Panel System) से कम है इस बिस्किट की कीमत?

सोलर बिस्किट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये रूफटॉप सोलर पैनल से सस्ते होते हैं। मैथ्यू कहते हैं, “अगर हर महीने आपका बिजली बिल 6,000 रुपये का आ रहा है, तो खरीदे गए बिस्किट की संख्या के आधार पर वास्तविक भुगतान लगभग 300 रुपये हो जाएगा।”

वह आगे कहते हैं, सोलर एनर्जी हम सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, न कि केवल बड़े और खुले छत वाले घरों तक ही सीमित रहे। डिजिटल सोलर के साथ उसी अंतर को भरने की कोशिश की जा रही है। एक बिस्किट की कीमत 600 रुपये है और इसकी क्षमता 10 वाट है। मैथ्यू कहते हैं, ”रेजिडेंशिअल बिल्डिंग के लिए आदर्श संख्या 250-300 बिस्किट है, जिससे महीने में करीब 2,000 रुपये के बिल की भरपाई हो जाती है।”

कंपनी का पायलट प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट पायनियर, आरटी नगर और बेंगलुरु में एक रेजिडेंशिअल स्थान में होस्ट किया गया है, जो 20 साल के सिस्टम जीवनकाल के साथ हर महीने 300 kWh बिजली का उत्पादन करता है। प्रोजेक्ट का आकार 5 किलोवाट है।

कंपनी का अगला कदम आने वाले पांच वर्षों में कम दरों पर सार्वजनिक सोलर ईवी चार्जिंग में शामिल होना है। नासिर कहते हैं, “ईवी मॉडल अभी भी शुरुआती स्टेज में है। लेकिन अगला कदम,  इसे क्षमता पोर्टफोलियो में लगभग 200-500 किलोवाट की सीमा तक ले जाना है।”

क्या आपके घर की छत पर भरपूर धूप आती है, लेकिन सोलर पैनल (Solar Panel System) नहीं लगाना चाहते? कमर्शिअल बिल्डिंग अब बिना किसी सेटअप लागत के स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ सकते हैं और संडेग्रिड्स से संपर्क करके अपने बिजली बिलों को बचा सकते हैं।

संपादनः अर्चना दुबे

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