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बेटी के झड़ते बालों ने किया प्रेरित, 85 की उम्र में लॉन्च किया 50 जड़ी-बूटियों वाला तेल

Hair Fall Problem Gave Herbal Oil business Idea After Retirement

आमतौर पर 85 साल की उम्र, ऐसी उम्र मानी जाती है जहां लोग घर और नौकरी की जिम्मेदारी से मुक्त होकर आराम की जिंदगी गुजारना चाहते हैं। लेकिन गुजरात की एक जोड़ी, उम्र के इस मोड़ पर भी कुछ नया शुरू करने का जज्बा रखती है। काफी रिसर्च करने के बाद, वे बालों के झड़ने और गंजेपन जैसी अनेक समस्याओं के समाधान के लिए मार्केट में एक नया हर्बल ऑयल लेकर आए हैं।

इसे उन्होंने खुद तैयार किया और नाम दिया ‘केशपल्लव हेयर ऑयल’। जून में शुरु किए गए उनके इस स्टार्टअप को लोगों का बेतहाशा प्यार मिल रहा है। राधा कृष्ण चौधरी यानी नानाजी कहते हैं, “अगर आपको डांस करने का शौक़ है, तो क्या उम्र, जगह या फिर पसंद से अलग संगीत आपके इस शौक़ के आड़े आएगा? बिल्कुल नहीं! आप इसकी परवाह नहीं करेंगे। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है। मुझे कुछ नया करना अच्छा लगता है। इसलिए बालों के लिए तेल बनाने और इसके बारे में रिसर्च करने से मुझे कभी थकान नहीं होती।”

अपने इस स्टार्टअप से गुजरात के 85 वर्षीय राधाकृष्ण चौधरी उद्यमियों की उस जमात में शामिल हो गए हैं, जो रिटायरमेंट के बाद भी बिज़नेस की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। इस बिजनेस में, उनकी पत्नी शकुन्तला देवी उनकी पार्टनर हैं। दम्पत्ति ने जून में अपने स्टार्टअप ‘एविमी हर्बल्स’ को लॉन्च किया था, जिसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है बालों से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने के लिए केमिकल फ्री हेयर ऑयल लोगों तक पहुंचना।

रिटायरमेंट के दस साल बाद, शुरु किया बिजनेस

पचास जड़ी-बुटियों से तैयार इस हर्बल ऑयल को काफी पसंद किया जा रहा है। इतने कम समय में उनके पास काफी ऑर्डर आने लगे हैं। पूरे भारत से अब तक उन्हें 200 से ज्यादा ऑर्डर्स मिल चुके हैं। उनका बिज़नेस काफी अच्छा चल रहा है और अब वे नई फैक्टरी लगाने के बारे में भी विचार कर रहे हैं। 

चौधरी लगभग 50 साल तक अपने पारिवारिक बिज़नेस से जुड़े रहे थे। उन्होंने साल 2010 में रिटायरमेंट ले ली और आराम की जिंदगी बिताने लगे। लेकिन उद्यमी बनने की ललक या कहें कि कुछ करते रहने की चाह उनके अंदर खत्म नहीं हुई थी। 10 साल बाद एक बार फिर से कुछ नया करने के लिए हेयर ऑयल के क्षेत्र में कूद पड़े। 

साल 2021 में उनकी बेटी गिरते बालों की समस्या से काफी परेशान थीं। उन्होंने अपनी परेशानी माता-पिता को बताई ताकि वे कुछ देसी नुस्खे या तेल का सुझाव दे सकें। लेकिन राधाकृष्ण ने ऐसा कुछ नहीं किया। वह इससे एक कदम आगे की ओर बढ़े।

बेटी की समस्या सुन, शुरू किया रिसर्च

Radhakrishna and Shakuntala Choudhary

उन्होंने अपना कंप्यूटर स्टार्ट किया और बालों के झड़ने की समस्या के कारणों पर रिसर्च करना शुरू कर दिया। इससे संबंधित विषयों पर किताबें पढ़ने में वह घंटों बिताने लगे। इस दौरान उन्होंने कई शोध पत्रों का भी अध्ययन किया।

चौधरी ने बताया, “सैकड़ों समाधान मेरे सामने मौजूद थे। कोई हेयरफॉल मास्क के बारे में कहता, कोई ट्रीटमेंट बताता, तो कोई ऑर्गेनिक हेयर ऑयल के इस्तेमाल पर ज़ोर देता। लेकिन इनमें से कोई भी उपाय मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पा रहा था।

आखिरकार मैंने ही इस दिशा में कुछ करने के बारे में सोचा। दरअसल, मैं घर पर हमेशा से ही ऐसे छोटे-बड़े घरेलू प्रयोग करता रहता था। तो सोचा क्यों न एक ट्रायल और किया जाए? बस इसी सोच के साथ मैं आगे बढ़ गया।”

लाइफ पार्टनर बन गईं बिजनेस पार्टनर

मेहनत और कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति को देख उनकी पत्नी ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। अब वे दोनों मिलकर बालों से जुड़ी हर समस्या का समाधान और उसका उपाय खोजने में लग गए थे। उन्होंने ऐसी बहुत सी जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी जुटाई, जो इस समस्या से निजात दिला सकती थीं।

चौधरी कहते हैं, “एक तरह से यह सब मानव शरीर को डिकोड करने के बारे में है। मसलन एक पुरुष की घटती हेयरलाइन, डायहाइड्रोटेस्टोरेश (DTH) एक एण्ड्रोजन से जुड़ी होती है। वहीं, महिलाओं में बालों से जुड़ी हर समस्या अपर्याप्त एस्ट्रोजन के कारण होती है। हमने ऐसी जड़ी-बूटियों की खोज की जो कुछ हद तक DTH को रोक सकने में कामयाब है।”

पहले खुद पर आजमाया

काफी शोध करने के बाद दंपत्ति ने कोल्ड-प्रेस्ड तकनीक से इस हेयर ऑयल को तैयार किया। यानी इसमें बिलकुल भी रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसमें नारियल, काले तिल, जैतून, अरंडी, कलौंजी, कैरियर ऑयल और इसेंशियल ऑयल की भरमार है। साथ ही 50 से ज्यादा जड़ी बूटियों को भी इसमें मिलाया गया है।

अपने बनाए गए तेल को इन दोनों ने तीन महीने तक पहले खुद पर आजमाया। इसका परिणाम काफी बेहतरीन था। चौधरी ने अपने सिर पर कुछ बालों को उगते देखा और इससे उनका उत्साह और अधिक बढ़ गया। फिर उन्होंने दोस्तों और परिवार के लोगों को यह तेल बांटा और उनसे उनकी राय मांगी। सभी का रिस्पांस काफी अच्छा था। धीरे-धीरे उनके तेल की डिमांड बढ़ने लगी। बस फिर क्या था, तेल को एक ब्रांड के साथ जून में लॉन्च कर दिया और नाम दिया ‘केशपल्लव हेयर ऑयल’। 

तेल की खासियत इसकी क्वालिटी है

Keshpallav Hair Oil

चौधरी और शकुंतला देवी तेल की गुणवत्ता बनी रहे इसका खास ध्यान रखते हैं। वे, दिखने में आकर्षक या सुखद बनाने के लिए कृत्रिम सामग्रियों या रसायन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करते। इस तेल को बनाने में ज्यादा समय तो लगता है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं क्योंकि क्वालिटी उनकी तेल की खासियत है।

शकुंतला देवी ने बताया, “यह बहुत ही धीमा और थका देने वाला प्रोसेस है। जिसे पूरा होने में लगभग एक महीने का समय लगता है। लेकिन हम अपने ग्राहकों को किसी, किसी तरह का धोखा नहीं देना चाहते। अगर हमने कहा है कि इसमें 50 तरह की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया है। तो वह बेवजह नहीं है, आवश्यक अनुपात में हमने उनका इस्तेमाल भी किया है।”

वह आगे कहती हैं, “पिछले महीने हमारी कहानी लोगों के बीच आई थी। जिसके बाद से हमारे ऑर्डर काफी बढ़ गए हैं। हर दिन हमारे पास सैकड़ों कॉल आ रही हैं। लेकिन हम अपने ग्राहकों को झूठा आश्वासन नहीं देना चाहते। इसके बजाय हमने उन्हें एक महीने इंतजार करने के लिए कहा। हमारा मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना या ग्राहकों को बेवजह अपने साथ जोड़े रखना नहीं है। हमारे बिजनेस का हीरो, इसकी क्वालिटी ही है।”

लोगों को पसंद आ रहा है तेल

वे, अपने ग्राहकों का उनपर भरोसा रखने और सपोर्ट करने क लिए, धन्यवाद देते हैं। सोशल मीडिया पर उनका पेज, बहतरीन संदेशों से भरा पड़ा है। मतलब साफ है, उनका यह तेल काम कर रहा है। कोलकाता से एक महिला ने खुद से फोन करके उन्हें धन्यवाद कहा। इस तेल के इस्तेमाल से उनके बाल झड़ना बंद हो गए। एक ही बार में उन्होंने पांच बोतल का ऑर्डर दिया है।

उनकी वेबसाइट पर मिले एक रिव्यू लिखा था, “पहले मुझे लगा कि यह भी अन्य तेल की तरह ही होगा। मैं इसके परिणामों से चकित था। मेरा भाई भी चौंक गया था। क्योंकि कोविड होने के बाद से हम दोनों अपने बालों के झड़ने की समस्या से काफी परेशान थे। लेकिन अब हमारे बाल बिल्कुल भी नहीं गिर रहे हैं।”

यह स्टार्टअप, स्प्रे और ऑर्थो-सीपी तेल भी उपलब्ध करा रहा है। उनका अगला कदम हर व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग तरह के तेल को तैयार करने का है और जिस तरह से हेयर ऑयल की मांग बढ़ रही है, उसे देखते हुए तो शायद एक फैक्टरी शुरू करनी पड़ेगी।

बुजुर्ग दम्पति के लिए अभी तक स्टार्टअप चलाने का अनुभव काफी अच्छा रहा है। वे काफी खुश हैं, चौधरी कहते हैं, “एक साथ काम करना, ब्रांड को फलते-फूलते देखना, उन लोगों से बात करना, जिन्हें आप नहीं जानते और उनसे अपनी तारीफ सुनना, अच्छा लगता है। यह हमारे काम का इनाम है।”

एविमी हर्बल्स के संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें।

मूल लेखः गोपी करेलिया

संपादनः अर्चना दुबे

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