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भारत को कृषि प्रधान देश बनाने में निभाई अहम भूमिका, क्या आप जानते हैं कौन थे चिदंबरम?

Father Of Green Revolution Chidambaram

चिदंबरम सुब्रमण्यम एक लोकप्रिय राजनेता और स्वाधीनता सेनानी थे। भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में उनका योगदान अहम माना जाता है। उन्हें ‘हरित क्रांति का शिल्पकार’ भी कहा जाता है। वह केंद्र में वित्त, कृषि, रक्षा और खाद्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके थे। 

चिदंबरम सुब्रमण्यम का जन्म 30 जनवरी, 1910 को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद वह चेन्नई चले गए। वहां उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से बीएससी की। बाद में उन्होंने मद्रास लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। कॉलेज के दिनों में उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर ‘वना मलार संगम’ नामक संगठन की स्थापना की थी। आगे चलकर उन्होंने ‘पिथन’ नाम की एक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया।

‘हरित क्रांति का शिल्पकार’ कहे जाने वाले चिदंबरम सुब्रमण्यम ने भारत के खाद्य और कृषि मंत्री के तौर पर एम.एस.स्वामीनाथन, बी.सिवरमण और नार्मन इ. बोर्लौग के साथ मिलकर भारत में ‘हरित क्रांति’ की शुरूआत की थी।

भारत के आधुनिक कृषि विकास नीति की रखी नींव

Chidambaram Subramaniam & Pranab Mukharjee

60 और 70 के दशक में देश भयंकर खाद्यान संकट से गुजर रहा था और इसकी भरपाई दूसरे देशों से आयात के द्वारा की जा रही थी। जब चिदंबरम सुब्रमण्यम देश के खाद्य और कृषि मंत्री थे, तब उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। यही वजह है कि 1972 में ‘हरित क्रांति’ के कारण अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई और भारत, कृषि उत्पादों में बहुत हद तक स्वावलंबी हो गया।

यहां यह बताना जरूरी है कि जब भारत में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘श्वेत क्रांति’ की शुरुआत हुई, तब वर्गीस कुरियन को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का अध्यक्ष भी चिदंबरम सुब्रमण्यम ने ही बनाया। वर्गीज़ कुरियन ने उनके बारे में एक बार लिखा था, “इस पूरे मामले (ऑपरेशन फ्लड) में चिदंबरम ने जो भूमिका निभाई उसका उल्लेख ज्यादा नहीं होता।”

कृषि और खाद्य क्षेत्र में चिदंबरम सुब्रमण्यम के नीतिगत फैसलों की वजह से देश के हालात में बड़े सकारात्मक बदलाव हुए। उन्होंने नेशनल एग्रो फाउंडेशन (चेन्नई) और भारतीदासन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (तिरुचिरापल्ली) की भी स्थापना की।

निभाई कई बड़ी ज़िम्मेदारियां

सम्मान और पुरस्कार


Indian postage stamp in honor of Chidambaram Subramaniam

खाद्यान्न उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाले इस राजनेता ने 7 नवंबर 2000 को चेन्नई में अंतिम सांस ली। द बेटर इंडिया भारत के इस महान नेता को नमन करता है।

Featured Image: TNN

संपादन- जी एन झ

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