उत्तर प्रदेश के रामस्नेही घाट में 43 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में सराही झील है। कभी यह झील कई पक्षियों का बसेरा हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ समय से रखरखाव के अभाव में इसकी स्थिति काफी बदहाल थी। लेकिन, फरवरी, 2019 में यहाँ के नए एसडीएम के तौर पर राजीव शुक्ला की तैनाती हुई और कुछ ही महीने में उन्होंने इसका कायापलट कर दिया।
रिटायरमेंट के बाद 63 वर्षीया राजेश्वरी ने अपने गार्डनिंग के शौक को पूरा करने का मन बनाया और अपने छत पर बागवानी शुरू कर दी, आज उनके टेरेस गार्डन में 200 से अधिक पौधे हैं।
बिहार के बेगूसराय जिला के कोरैय गाँव के रहने वाले 30 वर्षीय ब्रजेश कुमार पढ़ाई पूरी करने के बाद, सीबीएसई में सीसीई कंट्रोलर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन, कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने साल 2013 में अपनी नौकरी छोड़ दी।
गुड़गाँव की रहने वाली रितू गुप्ता और मृदु गुप्ता की, माँ-बेटी की जोड़ी ने, अपनी आइसक्रीम की लालसा को दूर करने के लिए होममेड आइसक्रीम बनाने का बिजनेस शुरू कर दिया। वह अपने ‘एमजी होममेड आइसक्रीम’ के तहत अब तक 400 टब से अधिक आइसक्रीम बेच चुके हैं।
हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अर्श शाह दिलबगी ने महज 16 साल की उम्र में ‘टॉक’ नाम से एक ऐसे यंत्र को बना डाला था, जो एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस और पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों की वजह से अपनी आवाज खो बैठे लोगों को साँसों के जरिए बोलने में मदद कर सकती है।
राजस्थान के गंगानगर जिले के रावल मंडी गाँव के रहने वाले संदीप बिश्नोई, अभय बिश्नोई और मनीष बिश्नोई ने साल 2018 में नैनीताल स्थित अम्ब्रोस फूड फर्म से मिलिट्री मशरूम की खेती की ट्रेनिंग ली और मार्च 2019 में अपने गाँव में 12 लाख रुपए की लागत से अपने वेंचर ‘जेबी कैपिटल’ को स्थापित किया और मिलिट्री मशरूम की खेती करने लगे।