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फोटो: टाइम्स ऑफ़ इंडिया
परदे पर किसी भी सुपर हीरो का व्यक्तित्व हमेशा बहुत सी अप्राकृतिक शक्तियों वाला दिखाया जाता है, जैसे कि सुपरमैन। लेकिन असल ज़िन्दगी में सुपर हीरो का खिताब अक्सर लोग अपने व्यक्तिगत हौंसले और मेहनत से हासिल करते हैं। ऐसे ही एक 'देसी सुपरमैन' हैं उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर ज़िले के मनोज कुमार सैनी।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 वर्षीय मनोज, मुज़फ्फरनगर के भोपा इलाके में गंगा नहर के पास सड़क पर फलों व जूस की स्टाल लगाते हैं। लेकिन इसके साथ ही वे अब तक 7 लोगों की जान बचा चुके हैं। दरअसल अक्सर ज़िन्दगी से हताश व परेशान लोग गंगा नहर में कूदकर अपनी जान दे देते हैं। इसीलिए इसे 'सुसाइड पॉइंट' भी कहा जाने लगा है। लेकिन पिछले एक साल में मनोज ने ऐसे 7 लोगों की जान बचाई है।
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"पहली बार जब मैंने एक आदमी को नहर में कूदते हुए देखा, तो मैं चौंक गया। एक मिनट के लिए मैं अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर सका। लेकिन फिर मैंने उसे बचाने का निर्णय किया और परिणाम की परवाह किये बिना नहर में कूद गया। उस दिन से यदि मैं किसी को नहर में कूदते देखता हूँ, तो उसकी जान बचाने के लिए तुरंत पानी में छलांग लगा देता हूँ," मनोज ने बताया।
गुरुवार को मनोज ने भोकारेधी नगर के पूर्व चेयरमैन ज्ञानान्दर सिंह के 70 वर्षीय चाचा की जान बचायी, जिसके लिए उन्होंने मनोज को 1000 रूपये देकर सम्मानित किया।
स्थानीय कार्यकर्ता अमजद खान ने कहा, "वे हमारे देसी सुपरमैन हैं, जो लोगों की ज़िन्दगी बचाते हैं। गांव में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब उनकी बात करते हैं। मनोज ने तैराकी की कोई ट्रेनिंग नहीं ली फिर भी वह मछली की भांति तैरता है।"
मनोज का कहना है कि वे किसी को भी अपनी आँखों के सामने मरते नहीं देख सकते और इसलिए उनकी जान बचाने का प्रयास करते हैं।
भोपा इलाके के डीएसपी राजीव कुमार गौतम का कहना है कि वे मनोज का नाम इस साल के बहादुरी पुरस्कार के लिए आगे भेजेंगें।
( संपादन - मानबी कटोच )