बंटवारे के समय बिछड़ा यह सिख भाई 71 साल बाद मिला अपनी मुसलमान बहनों से!

बंटवारे के समय बिछड़ा यह सिख भाई 71 साल बाद मिला अपनी मुसलमान बहनों से!

साल 1947 में हिंदुस्तान सिर्फ आज़ाद नहीं हुआ था बल्कि दो हिस्सों में बिखर भी गया था। भारत और पाकिस्तान जब अलग हुए तो न जाने कितने लोगों को बेघर होना पड़ा और न जाने कितनों ने अपनों को खो दिया। कोई इस पार रह गया तो कोई बिछुड़ कर उस पार चला गया।

ऐसा ही कुछ हुआ था डेरा बाबा नानक के पास स्थित पराचा गाँव के रहने वाले एक परिवार के साथ। जब अफरा-तफरी में यह परिवार पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ तो पीछे रह गया उनका डेढ़ साल का बेटा बेअंत सिंह। बेअंत सिंह का बाकी परिवार, उनके माता-पिता और दो बहनें, सब पाकिस्तान में बस चुके थे और उन्हें यहाँ एक सिख परिवार ने पाला।

बंटवारे के कुछ समय बाद उनकी माँ ने अपने छोड़े हुए मोहल्ले के पड़ोसियों से अपने बेटे की खोज-खबर ली। तब से लेकर अब तक बेअंत सिंह चिट्ठी और फ़ोन आदि के माध्यम से ही अपनी दोनों बहनों, उल्फत बीवी और मिराज बीवी से जुड़े हुए थे।

दोनों देशों के बीच खिंची एक लकीर के चलते कभी उनका मिलना न हो पाया। लेकिन हाल ही में बेअंत सिंह 3000 सिख श्रद्धालुओं के साथ अटारी बॉर्डर से नानक जयंती के मौके पर पाकिस्तान के पंजाब में ननकाना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए पहुंचे।

पूरे 71 साल बाद यहाँ उन्होंने अपनी दोनों बहनों से मुलाकात की। उनकी बहनें उन्हें गले लगाकर रो पड़ीं। इस मंजर ने वहां मौजूद हर एक को भावुक कर दिया।

अब उनकी बहनें भारत आकर अपने भाई के परिवार से मिलना चाहती हैं और साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की है कि वे उनके भाई के वीजा की अवधि बढ़ा दें।

अब से 7 दशक पहले जो हुआ न तो उसे कोई अब बदल सकता है और न ही उन लोगों के दुःखों को कोई मिटा सकता है, जिन्होंने उस मंजर को अपनी आँखों से देखा। पर हाँ, इस तरह के कुछ वाकये यकीनन उन घावों पर मरहम का काम कर जाते हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि धीरे-धीरे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आएगा और ऐसे बहुत से परिवार फिर से एक हो पायेंगें।


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe