Rahat Indori: राहत इंदौरी नहीं रहे, एक आख़िरी सलाम इस अज़ीम शायर के नाम

करीब 50 दशक तक अपनी बेबाक उर्दू शायरी से हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया का दिल जीतने वाले इस अज़ीम शायर ने 11 अगस्त 2020 की शाम को अपनी अंतिम साँसे ली।

Rahat Indori: राहत इंदौरी नहीं रहे, एक आख़िरी सलाम इस अज़ीम शायर के नाम

उसे अब के वफ़ाओं से गुज़र जाने की जल्दी थी
मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी
वो शाख़ों से जुदा होते हुए पत्तों पे हँसते थे
बड़े ज़िंदा-नज़र थे जिन को मर जाने की जल्दी थी
-राहत इंदौरी (Rahat Indori)

सच! न जाने क्यों आपको इस तरह जाने की जल्दी थी राहत साहब!

करीब 50 दशक तक अपनी बेबाक उर्दू शायरी से हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया का दिल जीतने वाले इस अज़ीम शायर ने 11 अगस्त 2020 की शाम को अपनी अंतिम साँसे ली।

उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राहत साहब के जन्मदिन पर बनाया यह वीडियो एक बार फिर आपके साथ साझा कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें - मिर्ज़ा ग़ालिब की कुछ सुनी-अनसुनी शायरी

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