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इस बार गणेशोत्सव में कोई इको-फ्रेंडली गणपति ला रहा है तो कोई विसर्जन के बाद मुंबई के बीच पर पड़ी टूटी मूर्तियों को इकट्ठा कर सही तरीके से उनका विसर्जन करवा रहा है। बहुत से सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो इस उत्सव पर अलग-अलग पहल करके लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। (आप यहां पूरी कहानी पढ़ सकते हैं)
ऐसी ही एक पहल की है मुंबई के एनजीओ 'टीम परिवर्तन' ने। जी हाँ, इस बार उन्होंने शहर भर में गणेश पंडालों में दानपेटी की जगह 'ज्ञानपेटियाँ' रखी हैं, जिसमें वे लोगों को पैसों की बजाय पुरानी किताबें, कॉपी, पेंसिल और अन्य स्टेशनरी का सामान दान करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
इकट्ठे किये गए इन सभी सामानों को बाद में आदिवासी बच्चों व स्कूलों को भेज दिया जायेगा।
यह बेहतरीन आईडिया इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट से मिला, जिसमें महाराष्ट्र के सभी मंदिरों में शिक्षा बॉक्स रखने के लिए आग्रह किया गया था। टीम परिवर्तन ने इस पहल को गणेश जी के पंडाल से शुरू करने की सोची। इसलिए वे शहर के कई पंडालों के सदस्यों से मिले। लेकिन ज्यादातर लोगों ने उन्हें मना कर दिया, यह कहकर कि बदले में हमें क्या मिलेगा?
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पर कुछ पंडालों की समितियों और श्रद्धालुओं ने उनकी बात के महत्त्व को समझा और उन्हें ऐसा करने की अनुमति दे दी।
टीम परिवर्तन के सदस्य नामदेव येडगे ने कहा कि जब भी कोई भक्त इस नेक काम के लिए दान करता है, तो हमारा एनजीओ उस पैसे से स्टेशनरी खरीद कर उन्हें बिल भेजता है। फिलहाल, टीम के 50 सदस्य इस पहल पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाए हैं।
ये लोग मंदिरों में भी इस तरह की ज्ञानपेटियाँ रखने की योजना बना रहे हैं।
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संपादन - मानबी कटोच