कश्मीर के पुलवामा जिले का एक छोटा सा गांव है गंगू। इस गांव की रहनेवाली 22 वर्षीय निलोफर जान, कुछ समय पहले तक अपनी पढ़ाई को लेकर काफी परेशान थीं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी औऱ कॉलेज की फीस भर पाना भी मुश्किल था। ऐसे में, उन्होंने मशरूम उगाने की ट्रेनिंग लेने का फैसला किया।
इसके बाद, उन्होंने घर पर ही मशरूम उगाना शुरु किया। ताकि अपने चार सदस्यों वाले परिवार की आर्थिक रूप से मदद कर सकें और अपने उच्च शिक्षा के सपनों को पंख दे सकें। आज वह मशरूम की खेती से 70 हजार रुपये प्रति माह कमा रही हैं।
जहां चाह, वहां राह
युवा उद्यमी नीलोफर बताती हैं, “हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे, घर का खर्च चलाना मुश्किल था। मुझे पता था कि इसके लिए मुझे ही कुछ करना होगा।” नीलोफर के कॉलेज के एक सेमेस्टर की फीस 16 हजार रुपये थी। उनके लिए इसका इंतज़ाम कर पाना भी एक सपने जैसा था।
लेकिन आज वह न केवल अपनी फीस भर पाने में सक्षम हैं, बल्कि घर खर्च में भी परिवार की मदद कर रही हैं। आज उनका घर, सफेद मशरूम से भरा पड़ा है। वह लगातार मशरूम की खेती में जुटी रहती हैं।
फिलहाल नीलोफर, इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से सोशल वर्क में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं और एक एनजीओ के साथ जुड़ी हैं।
नीलोफर ने बताया, “मैंने पुलवामा के सरकारी डिग्री कॉलेज के कृषि विभाग में मशरूम उगाने की प्रक्रिया सीखने के लिए एक हफ्ते का कोर्स किया। शुरू में काफी मुश्किल लगा, लेकिन प्रयास करती रही और फिर अपने घर पर ही मशरूम की खेती करना शुरू कर दिया।”
एक यूनिट मशरूम उगाने में तीन महीने का समय लगता है, जिससे उन्हें लगभग 500 किलो मशरूम मिलता है। वह बताती हैं, “मैं इन मशरूमों को लोकल मार्केट में बेचती हूं और हर महीने लगभग 70 हजार रुपये कमा लेती हूं।”
मशरूम उगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
अपने अनुभवों को नीलोफर ने द बेटर इंडिया के साथ साझा करते हुए बताया कि घर पर मशरूम उगाते समय किन पांच बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः
- युवा किसान नीलोफर ने बताया, एक ग्रो बैग लें और उसमें ‘एक परत खाद और एक परत मशरूम के बीज’-कुछ इस तरह से 4 लेयर तैयार करें।
- ग्रो बैग को कमरे में ऐसी जगह रखें, जहां बिल्कुल भी धूप न आती हो। क्लोरोफिल की कमी के कारण फंगस को ग्रो करने के लिए धूप की जरूरत नहीं होती।
- मशरूम की सही उपज के लिए, कमरे का तापमान 30 डिग्री के आस-पास होना ज़रूरी है। सही तापमान बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रिक हीटर या फिर अन्य चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नीलोफर कहती हैं, खाद की ऊपरी परत बता देती है कि फसल को पानी की जरूरत है या नहीं। पानी की कमी से ऊपरी परत सूखने लगती है। इस स्थिति से बचने के लिए फंगस को दिन में दो बार पानी देते रहें।
- जिस भी कमरे में आपने मशरूम उगाए हैं, ध्यान रहे, वहां किसी भी तरह के कीट-पतंगें या मक्खियां अंदर न आने पाएं। वह चेतावनी देते हुए कहती हैं, “मशरूम को एक साफ-सुथरे यानी नियंत्रित वातावरण में उगाना सबसे जरूरी है। अगर इसका ध्यान नहीं रखा गया, तो ये कीड़े फसल पर प्रजनन कर उसे खराब कर देंगे।”
मूल लेखः रिया गुप्ता
संपादनः अर्चना दुबे
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