Site icon The Better India – Hindi

नौकरी छोड़ हाइड्रोपॉनिक खेती कर रहे NIT ग्रैजुएट नवीन, युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग भी

NIT graduate Naveen Sharma doing hydroponic farming
कॉर्पोरेट जॉब छोड़ हाईड्रोपोनिक फार्मिंग से 50-60 हज़ार महीना कमा रहे नवीन | Joginder Nagar |

हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर में रहनेवाले 43 साल के नवीन शर्मा है ने एक बीटेक ग्रैजुएट हैं और कई MNCs में जॉब कर चुके हैं, लेकिन करीब 16-17 सालों तक अलग-अलग कंपनीज़ में काम करन का अनुभव और अच्छी-खासी सैलरी छोड़कर वह आज हाइड्रोपॉनिक खेती कर रह रहे हैं।

दरअसल, कोविड से पहले एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में वह हिमाचल आए थे, जहां उनकी मुलाकात उनके एक दोस्त से हुई, जो एक्वापॉनिक्स में Ph. D कर रहे थे। एक्वापॉनिक्स भी हाइड्रोपॉनिक्स की तरह ही बिना मिट्टी के की जाने वाली खेती की तकनीक है।

नवीन ने कहा, “उस दोस्त से मुलाकात के बाद मुझे लगा कि हमारी पारंपरिक खेती की जो समस्याएं हैं- जैसे खेती के लिए मौसम पर निर्भरता और मवेशियों का डर कि कहीं हमारी फसल न चर जाएं। ऐसी कुछ चीज़ों से मुझे लगा कि कंट्रोल्ड एनवायरनमेंट में की जाने वाली यह खेती हमें छुटकारा दिला सकती है।”

बस इसी से प्रेरित होकर नवीन ने एहजू में 500 वर्गमीटर के एक प्लाॉट पर हाइड्रोपोनिक्स का सेटअप लगाने का फैसला किया।

क्या हैं हाइड्रोपॉनिक खेती के फायदे?

Naveen Sharma in his polyhouse

हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक का फायदा यह है कि एक तो इसमें मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता, तो खेत जोतने की, उसे उपजाऊ बनाने की चिंता नहीं रहती। इसमें ऑर्गेनिक न्यूट्रीएंट्स यूज़ करते हैं, तो इसमें पानी की बहुत ज़्यादा बचत होती है। पारंपरिक खेती के मुकाबले इसमें सिर्फ 10% पानी ही चाहिए होता है, क्योंकि यह पानी को सर्कूलेट करता है।

नवीन हाइड्रोपॉनिक विधि से खेती करके हर महीने करीब 50 से 60 हज़ार रुपये कमा रहे हैं। वह अपने पॉलीहाऊस में  लैट्यूस, चैरी टोमैटो, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, केल, धनिया, मिर्च, माटर जैसी फसलें उगाते हैं और तैयार फसलें पालमपुर, कांगड़ा, धर्मशाला, मैक्लोडगंज में आसानी से अच्छे दामों पर बिक भी रही हैं।

नवीन रोपाई के लिए पौधे भी खुद ही तैयार करते हैं और फिर पौधे तैयार होते ही उन्हें पाइपों में रोप दिया जाता है। इसके बाद  पाइपों के ज़रिए पानी की सप्लाई और सभी तरह के पोषक तत्व पौधों को दिये जाते हैं।

उनका कहना है कि अगर इस तकनीक से खेती को थोड़े और बड़े स्तर पर किया जाए, तो बड़े शहरों तक ट्रांसपोर्ट करके लाखों में कमाई की जा सकती है। इसीलिए नवीन चाहते हैं कि हिमाचल के दूसरे किसान और युवा हाइड्रोपॉनिक खेती से जुड़ने के लिए आगे आएं और इसके लिए नवीन ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चला रहे हैं।

तो अगर आप भी खेती की यह तकनीक सीखना चाहते हैं, तो 82195 57917 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी देखेंः कॉलेज खत्म होते ही हाइड्रोपोनिक खेती शुरू कर कमाने लगे 54 हजार रुपये प्रति माह

Exit mobile version