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‘मेड इन इंडिया’ Electric Scooters, सिंगल चार्ज में 240 किमी की रेंज का दावा

Best Made in India E Scooter

अगर आप भी टू-व्हीलर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको यह ख़बर ज़रूर पढ़नी चाहिए। बेंगलुरु के रहनेवाले सुहास राजकुमार का स्टार्टअप जल्द ही ‘मेड इन इंडिया’ ई-स्कूटर (Electric Scooters) लॉन्च करने वाला है।

Simple Energy के संस्थापक और सीईओ सुहास राजकुमार, अपने नए Electric Scooters लॉन्च करने में मुश्किल से कुछ ही महीने दूर हैं। सुहास के अनुसार, मेक इन इंडिया सोच को साकार करने वाले ये Electric Scooters, कस्टमर की सभी जरुरतों को पूरा कर सकता है। इसकी कीमत काफी कम है और आने वाले दिनों में मार्किट में मौजूद EVs को कड़ी टक्कर देने का दम रखता है।

आइए, जानते हैं उनके इस EV की खासियतों और अब तक के उनके सफर के बारे में। 

कैसा रहा यहां तक का सफर?

अगर बात सुहास के अब तक के सफर की करें, तो यहां तक पहुंचने की उनकी राह आसान नहीं रही है। इससे पहले, उनके पास तीन अन्य स्टार्टअप चलाने और असफल होने का अनुभव है। लेकिन अपनी असफलताओं से वह कभी भी निराश नहीं हुए, बल्कि इससे उन्होंने काफी कुछ सीखा। 

सुहास ने द बेटर इंडिया को बताया, “मैंने अपना सारा पैसा रोबॉटिक्स उद्यम चलाने में खर्च कर दिया, जो किसी कारणवश आगे नहीं बढ़ पाया। फिर साल 2018 में फंड की कमी के चलते मुझे अपने तीनों स्टार्टअप बंद करने पड़े।” 

Suhas Rajkumar

लेकिन इन सबके बावजूद सुहास के भीतर कुछ अलग करने का जज्बा है, जो उन्हें असफल होने के बाद भी हार नहीं मानने देता। बेंगलुरु में अपने माता-पिता के साथ रहते हुए, उन्होंने अपने नए स्टार्टअप की योजना बनाई। सुहास को ऑटोमोबाइल, खासकर मोटर बाइक का जुनून शुरु से ही रहा है। उन्होंने टेस्ला को समझने और नए-नए इलेक्ट्रिक वाहनों के वीडियो देखने में काफी समय बिताया है।

टेस्ला से मिली Electric Scooters की प्रेरणा

सुहास कहते हैं, “ईवी को लेकर मन में काफी सारे सवाल थे। टेस्ला के काम को देखना और उसके बारे में पढ़ना मेरे लिए काफी प्रेरणादायक रहा। तब मैंने खुद से एक सवाल किया- क्या भारत में टेस्ला जैसे गुणवत्ता वाले ईवी बनाने वाली कोई कंपनी है? जब मैं अपने पिता के साथ ईवी खरीदने के लिए बाहर निकला, तो ईवी को लेकर मेरे मन में ढेर सारे सवाल थे। मुझे विशेष जरूरतों को पूरा करने वाला कोई इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooters) पूरे मार्किट में कहीं नहीं मिला। मैं हैरान रह गया। इस घटना ने मुझे ईवी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था।”

सुहास ने अगले छह महीने ईवी क्षेत्र पर रिसर्च करने में बिता दिए। दरअसल, वह ईवी के काम करने के ढंग, इनकी मैन्युफैक्चरिंग और इस इंडस्ट्री के बारे में गहराई से जानना चाहते थे। यहां उन्हें रोबॉटिक्स में काम करने के अपने साल भर का अनुभव काम आया। वह लिथियम आयन बैटरी, सर्किट बोर्ड, बैटरी प्रबंधन प्रणाली और अन्य उपकरणों के बारे में पहले से ही जानते थे।

उन दिनों को याद करते हुए सुहास बताते हैं, “उस समय तक ईवी बनाने वाली कई कंपनी मैदान में उतर चुकी थीं। ये सभी कंपनियां अच्छा काम कर रही थीं। बैटरी रेंज और किफायती दामों को लेकर मेरे मन में काफी कुछ चल रहा था। दरअसल, यह मेरा ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र से जुड़ा एक प्रमुख मुद्दा था, जिसका समाधान ये कंपनियां नहीं निकाल पा रही थीं।”

शुरू में हर किसी ने उड़ाया मज़ाक

Team members of Simple Energy at work

सुहास ने बताया, “मैं EV को ‘दूसरे वाहन के विकल्प’ के तौर पर नहीं देखना चाहता था। मैंने इन सभी जरुरतों को ध्यान में रखते हुए ई-उद्यम शुरू करने का पक्का मन बना लिया। पेट्रोल के पूरे टैंक के साथ एक आईसी इंजन स्कूटर औसतन 200 से 240 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। यही वह रेंज है, जो हम अपने ईवी में चाहते थे।”

जब EV स्टार्टअप शुरू करने का विचार सबके सामने रखा, तो उसके जानने वालों ने इसे हंसी में उड़ा दिया। कारण था, इसमें लगने वाला पैसा। लेकिन सुहास ने किसी की नहीं सुनी, पक्का इरादा कर वह इस क्षेत्र में कूद पड़े। उन्होंने जल्द ही कुछ फंड भी इकट्ठा कर लिया। उसके बाद, अपने एक कॉमन फ्रेंड के जरिए सिंपल एनर्जी के सह संस्थापक श्रेष्ठ मिश्रा से मिले। शुरू में श्रेष्ठ को सुहास का विज़न क्रेजी लगा। यह कुछ ऐसा था, जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना था।

यह थी Electric Scooters को लेकर सोच

सुहास कहते हैं, “कुछ ही दिनों में मैंने श्रेष्ठ मिश्रा को अपने विज़न को लेकर आश्वस्त कर दिया और बताया कि हम अपनी उम्मीद से मेल खाने वाले ईवी का निर्माण कैसे कर सकते हैं। श्रेष्ठ मेरी इस कंपनी में निवेश करने वाले पहले निवेशकों में से थे। उसके बाद मैंने ईवी सेक्टर से जुड़े अन्य लोगों, मैकेनिकल इंजीनियरों और डिजाइन तैयार करने वाले पेशेवर लोगों को अपने साथ जोड़ा। हां, मैं उन्हें कुछ महीनों तक सैलरी देने का वादा नहीं कर सकता था, लेकिन उनसे कहा कि यह गेम चैंजर साबित हो सकता है।

उन्होंने बताया, “मैंने अपना विज़न उनके सामने रखा। उस समय अच्छी सैलरी वाली नौकरियों पर होने के बावजूद, उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम करने का एक वास्तविक जुनून साझा किया। मैंने उन्हें अपने इस स्टार्टअप से मुख्य संस्थापक सदस्य के तौर पर जुड़ने के लिए तैयार कर लिया। साल 2019 की शुरुआत में हमारी टीम ने बिना वेतन के 13 से 14 महीने बिताए थे।”

गैराज को बनाया Electric Scooters का ऑफिस

सिंपल एनर्जी के मुख्य तकनीकी अधिकारी किरण पुजारी बताते हैं, “ईवी क्षेत्र में काम करने के आकर्षण के चलते, मैंने अपनी 9 से 6 वाली नौकरी छोड़ दी थी। सुहास ने मुझसे इस क्षेत्र की कुछ प्रमुख समस्याओं को दूर करने के लिए अपने मजबूत विज़न के बारे में बताया था। मुझे इसके लिए पैसा मिलेगा या नहीं, इसकी चिंता नहीं थी। मुझे ई-बाइक बनाने का शौक़ था। मेरा लक्ष्य काम के लिए नियमित सैलरी लेने की बजाय सबसे बेहतर ई-टूव्हीलर बनाने के सपने को पूरा करना था।”

किरण पुजारी कंपनी के प्रमुख संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। अन्य मुख्य संस्थापक सदस्यों में शीतल शेट्टी (उत्पाद प्रमुख), पंकज सेबल (मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख) और मंजूनाथ (मैकेनिकल हेड) शामिल हैं।

Simple Energy Team

सुहास ने कहा, “हमारे संस्थापक सदस्यों ने सफलतापूर्वक प्रोटोटाइप तैयार किया, पैसा जुटाया और अब प्रॉडक्ट ( Electric Scooters ) के लॉन्च होने के इंतजार में हैं। श्रेष्ठ पूरी तरह से एडमिनिस्ट्रेशन, एचआर और मार्केटिंग का काम संभाल रहे हैं और मैं उत्पाद विकास तकनीक और फंड रेजिंग पर काम कर हूं। शुरू में मेरी आधे से ज्यादा टीम अपने घर से ही काम कर रही थी। जबकि मैं और कुछ अन्य सहयोगी, गैराज में बने ऑफिस से काम चला रहे थे।”

बेंगलुरु में सुहास के माता-पिता का घर है। उसी घर के गैराज को उन्होंने कंपनी के कार्यालय में बदल दिया। साल 2019 में उन्होंने ई-स्कूटर (Electric Scooters) के मार्क-1 प्रोटोटाइप पर काम करना शुरू किया था और सितंबर 2019 में उन्हें अपना पहला एंजल (angel investor) ऑनबोर्ड निवेशक भी मिल गया।

रास्ते में आईं कुछ बड़ी अड़चनें

सुहास के इस स्टार्टअप के रास्ते में कुछ बड़ी अड़चनें भी आईं, उसके बावजूद वे सब एक साथ खड़े रहे। सुहास बताते हैं, “जनवरी 2020 तक मार्क-1 प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया था। शुरुआती टेस्टिंग में 200 किलोमीटर बैटरी रेंज की पेशकश की गई। वर्किंग कॉन्सेप्ट भी तैयार था। इसे लगभग 100 निवेशकों तक पहुंचाया गया और कई VC कार्यालय का दौरा भी किया। लेकिन बहुत से लोगों ने हमसे कहा कि अभी निवेश करना जल्दबाजी होगी। इसकी बजाय वे बाद के चरण में हमारे साथ जुड़ने के लिए इच्छुक थे। मार्च आते-आते हमें OEM में निवेश मिल गया। दुर्भाग्य से उस महीने लॉकडाउन हो गया और अंतिम समय में वे भी पीछे हट गए।”

इन सभी वजहों से सुहास काफी परेशान थे। लेकिन एक चीज़ थी जो उन्हें अपने कदम पीछे हटाने से रोक रही थी, वह था एक गुप्त एंजल निवेशक (undisclosed angel investor)। जिन्होंने अपने पैसे से स्टार्टअप को बचाए रखा, लेकिन उन्हें अपने R&D के लिए पूंजी के एक बड़े हिस्से की जरूरत थी। सिंपल एनर्जी का लक्ष्य उस तकनीक के साथ प्रोडक्शन में जाना था, जिसपर वे शुरु से काम करते आ रहे थे। 

वह आगे कहते हैं, “मई 2020 तक हमें वह सब मिल गया, जो हम चाहते थे। आज हमने फंडिंग के Seed और Pre Series राउंड को बंद कर दिया है और Series A को बंद करने के कगार पर हैं। हाल ही में सिंपल एनर्जी ने वेल कन्नियाप्पन, थॉमस जॉर्ज और चार अन्य सहित एंजेल निवेशकों से प्री-सीरीज ए फंडिंग की व्यवस्था कर ली है। हमारा यह Electric Scooters स्टार्टअप इस साल की दूसरी तिमाही में Series A फंडिंग में 10-12 मिलियन डॉलर जुटाने की कोशिश कर रहा है।”

मेक इन इंडिया’ टेक्नोलॉजी

सिंपल एनर्जी बैटरी सेल को छोड़कर अपने Electric Scooters के हर कंपोनेंट का निर्माण इन-हाउस करने का दावा करती है, जिसमें सर्विस डिजाइन और चेजिंग डिजाइन से लेकर बैटरी पैक बनाना तक शामिल है। किरण पुजारी के अनुसार, “सिंपल एनर्जी टीम का लक्ष्य देश के सबसे बेहतर ईवी का निर्माण करना है। हमारा ईवी, बैटरी सेल को छोड़कर पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। यह हमें बाजार में खड़े अन्य ईवी निर्माताओं से अलग और बेहतर स्थिति में लाकर खड़ा करता है।” 

दरअसल, यह उनका नया संयुक्त उद्यम है और सेल बनाने के लिए बहुत अधिक पूंजी, संसाधन और समय की जरूरत होती है, इसलिए वे इसे कई कंपनियों से आउटसोर्स करते हैं।

सुहास तर्क देते हुए कहते हैं, “हमने अपने मोटर, कंट्रोलर, बैटरी पैक डिजाइन, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS), इनवर्टर, सस्पेंशन, डिस्क, गियर रेशो, स्प्रोकेट, डैशबोर्ड और उस पर टचस्क्रीन और बहुत से कंपोनेंट को नए सिरे से खुद ही तैयार किया है। हम इन सभी को इन हाउस डिजाइन करते हैं और फिर इसका परीक्षण करके इसे अप्रूव करते हैं। इसके बाद, बड़े पैमाने पर इसके निर्माण के लिए हम इसे तीसरे पक्ष या पहले से मौजूद कंपनियों को दे देते हैं। इसलिए हमारा 90 प्रतिशत ईवी स्कूटर इन हाउस विकसित किया गया है।”

किफायती बैटरी रेंज

Electric Scooters by Simple Energy

सुहास कहते हैं कि उनकी आने वाली मार्क-2 बाईक, 4.8 kwh लिथियम आयन बैटरी, इको मोड में 240 किलोमीटर की रेंज, 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 3.6 सेकंड में 0.50 किलोमीटर प्रतिघंटे के एक्सलरेशन जैसे फीचर्स से लैस होगी। इसके अलावा, बाइक में एक रिमूवेबल बैटरी, मिड ड्राइव मोटर भी होगा। साथ ही इसमें टच स्क्रीन, ऑन बोर्ड नेविगेशन, ब्लूटूथ जैसी स्मार्ट सुविधाएं भी होंगी। 

सुहास बताते हैं, “आईसी-इंजन स्कूटर, पेट्रोल के फुल टैंक के साथ 200 से 240 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। हम इसी के समान बैटरी रेंज वाला स्कूटर ( Electric Scooters) तैयार करना चाहते थे। अभी हमारे देश में एक विकसित चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। ऐसे में अगर एक ईवी सिर्फ 60 किलोमीटर की रेंज की बात करता है, तो ग्राहक का उसकी विश्वसनीयता को लेकर चिंता करना जायज़ है। हम बैटरी रेंज को इतना ऊपर तक ले जाना चाहते हैं, जहां ग्राहकों को ‘चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर’ के होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमें उनकी परेशानियों को समझना होगा और उनकी ज़रूरतों के हिसाब से बदलाव कर, इसके इस्तेमाल को हर संभव तरीके से आसान बनाना होगा।”

बैटरी चार्जिंग के बारे में सिंपल एनर्जी के मुख्य तकनीकी अधिकारी किरण कहते हैं कि सिंपल एनर्जी की सेल केमिस्ट्री मार्क-2 को 40 मिनट में 0-100 प्रतिशत से फास्ट चार्जिंग का विकल्प देती है।

क्या होगी कीमत?

किरण दावा करते हुए कहते हैं, “हम स्कूटर के लिए भी फास्ट चार्जिंग तकनीक विकसित कर रहे हैं। हम अपने ग्राहकों को स्कूटर के साथ एक चार्जिंग किट भी देंगे। हालांकि अभी कह नहीं सकते कि यह किट फास्ट चार्जिंग किट होगी या नहीं। इसमें एक रिमूवल बैटरी है, जिसे आप घर पर चार्ज कर सकते हैं। यह टू-व्हीलर धीमी और तेज़, दोनों तरह की चार्जिंग सिस्टम के अनुकूल है।”

इस स्कूटर की कीमत 1.1 लाख रुपये से 1.25 लाख के बीच हो सकती है।

सुहास ने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य, जितना संभव हो सके ईवी के निर्माण और मैन्युफैक्चिरंग को इन हाउस करने और मेक इन इंडिया (Electric Scooters) की सोच के साथ आगे बढ़ने की है। हम ग्राहकों को सस्ते दामों में बेहतरीन ईवी उपलब्ध कराना चाहते हैं, ताकि उन्हें पेट्रोल से ईवी की तरफ आने को लेकर ज्यादा सोचना न पड़े। हमारा दूसरा उद्देश्य भारत को ऑटोमेटिव दुनिया का इंजीनियरिंग और डिजाइन हब बनाना है। हम बेहतरीन डिजाइनों के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्राहकों की नजर में आकर्षक, उनकी पहुंच के अंदर और मार्केटेबल बनाना चाहते हैं। मैं ग्राहकों से बस यही पूछना चाहता हूं कि जब आप मार्क-2 ई स्कूटर खरीद सकते हैं, तो फिर सुपर बाइक की तरफ क्यों जाना चाहते हैं?”

मूल लेखः रिनचेन नॉर्बू वांग्चुक

संपादन- जी एन झा

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