“अभी नहीं तो कब? और तुम नहीं तो कौन? यह प्रश्न हमेशा मेरे मन में आते थे। धूमा में अभिभावक बच्चों को पढ़ने भेजने के लिए तैयार तो थे लेकिन सुविधाओं का अभाव था। आज धीरे-धीरे वहाँ तक भी सुविधाएँ पहुँच रही है। ‘शिक्षा’ अभियान की एक बच्ची माधवी परसे का चयन ‘स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ में हुआ है। आज ''शिक्षा'' के माध्यम से बरसाना का एक-एक बच्चा पाठशाला जाता है।''