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कटहल: इस भारतीय नुस्खे को मिली अमेरिकन एसोसिएशन से मंजूरी, जानें रेसिपी

health benefits of Jackfruit, Diabetes, heart disease

डायबिटीज़ पूरे भारत में एक महामारी की तरह फैल रहा है। देश में कुल 7 करोड़ 70 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। अगर आप इन आंकड़ों से भी बीमारी की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पर रहे हैं, तो हम थोड़े आसान शब्दों में बताते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हर छह भारतीय में से एक, शुगर की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में, भारत में सदियों से इस्तेमाल हो रहे कटहल को अब विज्ञान ने भी सेहत के लिए फायदेमंद (jackfruit benefits) माना है।

भारतीय नुस्खे को मिली अमेरिकन एसोसिएशन से मंजूरी 

डायबिटीज़ का संबंध हमारी जीवनशैली से भी है, इसलिए सभी लोग ऐलोपैथिक इलाज की तरफ नहीं जाते। शुगर कंट्रोल के लिए वे दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय, घरेलू नुस्खों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। ऐसे लोगों के लिए हरे कटहल का आटा (health benefits of jackfruit) एक समाधान हो सकता है। इसे अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन (American Diabetes Association) से भी मंजूरी मिल गई है।

आमतौर पर रेशेदार कटहल (health benefits of jackfruit) की पूरे भारत में पैदावार होती है। ये न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि विटामिन ए, सी, पोटैशियम, एंटीऑक्सिडेंट जैसे कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। यह आटा हमारी गट हेल्थ के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। हाल ही में किए गए एक शोध से सामने आया है कि हरे कटहल से बना आटा, शुगर के स्तर को कम करने और उसे कंट्रोल करने में सहायक है।

शुगर को किया नियंत्रित

कटहल से बने आटे की अपनी कोई तेज सुगंध या स्वाद नहीं होता है, इसलिए इसे आसानी से खाया जा सकता है। ‘जैकफ्रूट 365’ नामक कंपनी द्वारा तैयार किए गए कटहल के आटे का, टाइप-2 डायबिटीज़ के 40 मरीजों पर अध्ययन किया गया था। यह 12 हफ्तों की एक प्लेसबो कंट्रोल स्टडी थी, जिसमें कुछ लोगों को हरे कटहल के आटे (health benefits of jackfruit) के साथ दैनिक भोजन दिया गया था और कुछ को सामान्य आटे का सेवन कराया गया।

अध्ययन के मिले आंकड़े चौंकाने वाले थे। जिन प्रतिभागियों ने अपने खाने में कटहल को शामिल किया था, उनके शुगर के स्तर में कमी देखी गई। फास्टिंग शुगर में खासा सुधार भी देखा गया। जबकि बाकी लोगों में शुगर का स्तर जस का तस बना रहा।

अध्ययन के अनुसार, कटहल के ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण शुगर के स्तर में सुधार हुआ है। यह शरीर में धीरे-धीरे ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ाता है, जिससे शुगर के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होती, यानी यह स्पाइक को कम करता है।

दिल की बीमारियों में भी फायदेमंद

इसके अलावा, कटहल (health benefits of jackfruit) में कार्ब्स भी कम होते हैं। फाइबर और प्रोटीन से भरपूर कटहल में कैरोटेनॉयड्स और फ्लेवनोन्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और ये शरीर को सूजन, हृदय रोग और अन्य क्रोनिक डिजीज से बचाते हैं।

अगर आप भी ‘जैकफ्रूट 365’ आटा खरीदना चाहते हैं, तो यहां ऑर्डर कर सकते हैं। वैसे यह अमेजन पर भी उपलब्ध है।

कटहल के आटे को अपने भोजन में शामिल करना चाहते हैं, तो हम बता रहे हैं कुछ रेसिपीज् आपके लिएः- 

कैसे बनाए कटहल के आटे से डोसा / इडली?

सामग्रीः

बैटर बनाने की विधि:

  1. एक भाग उड़द की दाल और तीन भाग चावल को अलग-अलग बर्तन में दो या तीन घंटे के लिए भिगो दें।
  2. एक ब्लेंडर में उड़द की दाल को पीसना शुरू करें और धीरे-धीरे उसमें भीगे हुए चावल डालें। 
  3. अब इस पिसे हुए घोल में थोड़ा पानी डालें और तब तक मिलाते रहें जब तक कि ये घोल चिकना न हो जाए।
  4. एक अलग बर्तन में 1/3 कप कटहल का आटा (Health Benefits of Jackfruit) मिला कर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  5. इसमें 2/3 कप डोसा बैटर डाल कर मिला लें।
  6. अब इस मिश्रण को रात भर खमीर उठने के लिए छोड़ दें।

डोसा के लिए:

  1. तवा गरम करें और तेल से इसे अच्छी तरह ग्रीस कर लें, ताकि डोसा बनाते समय तवे से चिपके नहीं।
  2. जब तवा गर्म हो जाए, तब उसपर एक बड़ा चम्मच घोल डाले और तवे पर घोल को अच्छे से फैला दें। 
  3. डोसे के ऊपर तेल छिड़कें और किनारों को ब्राउन होने पर पलट दें।

इडली बनाने के लिए

  1. इडली स्टीमर में पानी उबाल लें।
  2. अब सांचे में तेल लगाकर चिकना कर लें और उसमें चम्मच से घोल डालें।
  3. इसे स्टीमर में रखें, अच्छी तरह से सील कर दें और 10 मिनट के लिए स्टीम करें।

सांबर और ताजी नारियल की चटनी के साथ मजे से इडली और डोसे को स्वाद लें। 

कटहल की रोटी

सामग्री

विधि

  1. एक बाउल में कटहल का आटा (health benefits of jackfruit), गेहूं का आटा, थोडा़ सा नमक डालकर मिला लें।
  2. अब इसमें पानी डालकर, इसे तब तक गूंदे, जब तक यह मुलायम न हो जाए।
  3. आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और रोटियों को बेल लें।
  4. तवा गरम करें और रोटी सेक लें। आप चाहें तो रोटी के ऊपर थोड़ा सा घी या तेल भी लगा सकते हैं। 

गरमा-गरम रोटियों को अपनी पसंद की सब्जी या ग्रेवी के साथ खाएं। 

मूल लेखः रोशनी मुथुकुमार

संपादनः अर्चना दुबे

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