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UPSC Preparation: प्रेरित व फोकस्ड रहना ही है सफलता की कुंजी; टीना डाबी ने बताईं अहम बातें

Prelims study plan of tina dabi, routine and schedule for UPSC CSE

संघ लोक सेवा आयोग-2015 (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में, टीना डाबी ने अखिल भारतीय रैंक 1 (AIR 1) हासिल किया। टीना, इस परीक्षा को पास करने वाले सबसे कम उम्र के उम्मीदवारों में से एक हैं और सबसे कमाल की बात तो यह है कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यह परीक्षा पास कर ली थी।

टीना ने द बेटर इंडिया को बताया कि उन्हें IAS अधिकारी बनने की प्रेरणा कहां से मिली। साथ ही उन्होंने प्रीलिम्स के लिए अध्ययन करते समय अपनाई गई रणनीति साझा की और निबंध के पेपर को हल करने के लिए जरूरी टिप्स भी दिए।

कहां से मिली प्रेरणा?

टीना ने बताया, “सीविल सर्विसेज़ में जिस तरह की जिम्मेदारियां होती हैं, जो एक ब्रॉड कैनवास होता है, उसकी वजह से ही मैंने यह परीक्षा दी।” टीना के माता-पिता अक्सर इस जॉब प्रोफाइल और एक सीविल सर्वेंट के काम करने के दायरों व जिम्मेदारियों के बारे में बात करते रहते थे।

वह कहती हैं, “इस जॉब प्रोफाइल में बहुत सी चीजें करनी होती हैं। ऐसा नहीं है कि बस केवल प्रशासनिक काम संभालने होते हैं। इसके अलावा, आपको योजना बनाना, किसी की रचनात्मकता का उपयोग करना, लोगों को प्रबंधित करना, इवेंट मैनेजमेंट, पॉलिसीज़ पर काम करना और नए आइडियाज़ लाने जैसे कई काम करने होते हैं और इसी ने मुझे इस परीक्षा के लिए एक योजना बनाने और तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।”

प्रीलिम्स की तैयारी करते समय टीना इन बातों का रखती हैं ध्यान:

Tina Dabi, IAS

1. प्रेरित व सकारात्मक रहें

टीना कहती हैं, “इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का रास्ता लंबा और कठिन है। इसमें सफल होने का एकमात्र तरीका है, लगातार कोशिश करते रहना।” कई उम्मीदवार कम से कम एक साल परीक्षा की तैयारी तो करते हैं, लेकिन कुछ समय बाद, तैयारी का उत्साह और धैर्य खो सकते हैं। वह कहती हैं, “सुनिश्चित करें कि आप कभी भी उस अवस्था में न पहुँचें, जहाँ आप पढ़ते-पढ़ते थक जाएं। इस परीक्षा की तैयारी करने वाले हर उम्मीदवार के लिए बेहद ज़रूरी है कि वह लगातार प्रेरित रहें और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।”

2. लक्ष्य निर्धारण

टीना बताती हैं, “अच्छे से सोच-समझकर बनाए गई योजना और उसका उतने ही अच्छे से पालन करने से उम्मीदवारों को काफी मदद मिलती है।” टीना हर दिन करीब सात घंटे पढ़ाई करती थीं। उनका कहना है कि तैयारी शुरू करने से पहले, हर उम्मीदवार के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपना लक्ष्य निर्धारित करें।

उन्होंने बताया, “इस परीक्षा का सिलेबस बहुत बड़ा है और अगर आपका लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा, तो सफलता नहीं मिल सकती। इस परीक्षा के लिए बहुत सावधानी से योजना बनानी चाहिए।” यह लक्ष्य एक महीने या एक सप्ताह के लिए भी निर्धारित किए जा सकते हैं, क्योंकि इससे उम्मीदवारों को यह पता चल जाएगा कि कितने समय में, कितना सिलेबस कवर किया जा सकता है।

3. समय का रखें ध्यान

टीना कहती हैं, “यह स्वीकार करना बहुत ज़रूरी है कि कोई बिना ब्रेक के घंटों तक, एक साथ पढ़ाई नहीं कर सकता। या फिर एक ही विषय को बहुत देर तक नहीं पढ़ सकता है।” टीना ने अपनी तैयारी के दौरान तीन घंटे और दो घंटे का टाइम स्लॉट बनाया था और उस शेड्यूल का पालन करती थीं। इस स्लॉट के लिए उन्होंने अलग-अलग विषय चुने और तय किए गए समय में उसी विषय को पढ़ती थीं।

उन्होंने बताया, “मुझे जिन विषयों को ज्यादा समय देने की जरूरत लगी, उसे मैं तीन घंटे वाले स्लॉट में पढ़ती थी। बाकी हर विषय को दो घंटे पढ़ा करती थी। इससे मुझे ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिली। याद रखें, महज़ किताबों के सामने बैठने से कुछ नहीं होता, जरूरी है कि हम जो भी पढ़ें, वह हमारे दिमाग तक पहुंचे”।

4. अभ्यास को आदत बनाएं

टीना कहती हैं, “प्रीलिम्स के लिए उम्मीदवारों को यह तय करना चाहिए कि परीक्षा से पहले सिलेबस पूरा हो जाए और रिवीजन का पूरा समय मिले। इसके अलावा, पिछले साल के प्रश्न पत्रों को भी हल करें। इन तीनों चीजों को करने से उम्मीदवारों को परीक्षा में अच्छी रैंक मिल सकती है।”

हर हफ्ते में एक दिन ऐसा ज़रूर रखें, जब उस सप्ताह में कवर की गई सभी चीजों को रिवाइज़ किया जा सके। लगातार ऐसा करने से उम्मीदवारों को परीक्षा के समय पेपर हल करने में मदद मिलेगी। टीना ने आगे बताया, “सिलेबस के एक भाग को पूरा करने के बाद, 10 दिनों के अंदर इसे रिवाइज़ करें। अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो जितना पढ़ा है, उसे भूल जाएंगे।” जितना अधिक आप रिवीजन करेंगे, उतने ही अच्छे से आप याद रख पाएंगे।

निबंध का पेपर, उम्मीदवारों को अच्छे नंबर दिला सकता है, लेकिन अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। अपनी रणनीति साझा करते हुए, टीना कहती हैं, “एक बार प्रीलिम्स हो जाने के बाद, मैंने मुख्य पेपर तक हर हफ्ते कम से कम एक निबंध करने का अभ्यास किया। परीक्षा के इस हिस्से को नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि यह हाई स्कोरिंग एरिया है।”

निबंध पत्र के लिए टीना ने दिए जरूरी टिप्स:

Strategy to follow for the essay paper

1. रचनात्मक का करें पूरा इस्तेमाल

टीना कहती हैं, “कुछ लोगों के लिए रचनात्मक होना स्वाभाविक है, लेकिन कुछ लोगों को इस पर अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।” निबंध पेपर की तैयारी शुरू करने से पहले, उम्मीदवारों के लिए यह समझना अनिवार्य है कि वे कहां खड़े हैं। आप रचनात्मक हैं या नहीं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, टीना का कहना है कि “अभ्यास एक व्यक्ति को परफेक्ट बनाता है।”

वह यह भी कहती हैं कि एक अच्छा निबंध लिखने और अपनी आवाज़ खोजने के लिए कई अलग-अलग शैलियों को पढ़ने और अभ्यास करने की आदत डालनी चाहिए। टीना ने बताया, “अपनी तैयारी के दौरान, इस बात पर भी ध्यान दें कि आपको किन विषयों के बारे में लिखना पसंद है और फिर उन विषयों में बेहतर होने पर काम करें।”

2. डेटा लिंक करना सीखें

जब एक उम्मीदवार तैयारी में समय खर्च करता है, तो उसके पास अलग-अलग टॉपिक और डेटा प्वाइंट्स इकट्ठे होते हैं। उम्मीदवारों को, इन सभी प्वाइंट्स को इकट्ठा करना आना चाहिए। एकत्रित किए गए इन प्वॉइंट्स को आपस में जोड़कर, एक बेहतरीन निबंध तैयार कर सकते हैं। वह कहती हैं, “अपने नोट्स पर भरोसा करें और सुनिश्चित करें कि आप अपनी तैयारी के दौरान विभिन्न पहलुओं को जोड़ने में सक्षम हों।” एक ऐसी नोटबुक बनाएं, जिसमें कोट्स, महत्वपूर्ण पंक्तियों और यहां तक ​​कि आंकड़ों को लिख सकें। इससे आपको रिवीज़न के समय काफी मदद मिलेगी।

3. लिख लें अहम प्वॉइंट्स

टीना कहती हैं, “परीक्षा में निबंध के प्रश्नों को हल करने से पहले, आप उन प्वॉइंट्स को लिख लें जिन्हें आप अपने निबंध में शामिल करना चाहते हैं। उम्मीदवारों को दो निबंध करने होते हैं और कुल तीन घंटे का समय होता है। इसलिए, निबंध शुरू करने से पहले सिर्फ नोट्स बनाने में आधा घंटा बिताएं।”

उन्होंने बताया कि आंसर शीट के पीछे जगह होती है, वहां आप अपना प्लान बनाएं- सब हेडिंग, डेटा प्वॉइंट्स, कोट्स  और अन्य महत्वपूर्ण चीजें जो आपके निबंध में मेंशन हैं सब लिख लें। टीना कहती हैं, “एक बार जब आप अच्छी रणनीति बना लेते हैं, तो एक घंटे में 800 शब्दों का निबंध लिखना आसान हो जाता है।”

उन्होंने कहा कि यह एक लंबी यात्रा है, जो एक ही समय में फायदेमंद और थकाने वाली दोनों हो सकती है। उन्होंने आखिर में कहा, “प्रेरित रहना और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना ही सफलता की कुंजी है।”

मूल लेखः विद्या राजा

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