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हमारा देश - हमारे गाँव

Video: रोज़ 20-25 किमी साइकिल चलाकर गांवों की समस्या सुलझा रहे 'साइकिल बाबा'

By अर्चना दूबे

बरेली के रहने वाले संजीव जिंदल को आज साइकिल बाबा के नाम से जाना जाता है। समाज में बदलाव लाने और अपना शौक़ पूरा करने का इतना बेहतरीन तरीका और ऐसी सोच बहुत कम ही देखने को मिलती है।

पुणे: इस आइएएस अफ़सर की पहल से आज अपने शौचालय से लाखों में कमा रहे हैं गाँववाले!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे की खेड़ तालुका के गांवों में खुले में शौच की समस्या थी, क्योंकि बहुत से लोग सरकार के बनाये हुए शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

ग्रीन ग्रुप से महिलाओं को सशक्त बनाकर गाँवो में उम्मीद रोपते 'होप' समूह के छात्र

By विनय कुमार

ग्रीन ग्रुप में महिलाएं गाँव में जुए और शराब जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान छेड़ती हैं.

मिलिए पत्रकार से किसान बने गिरीन्द्रनाथ झा से, जो अब अपने गाँव को नयी पहचान दे रहे है!

By मानबी कटोच

एक पत्रकार, एक लेखक, इन्टरनेट की दुनियां का एक जाना माना नाम आखिर क्यूँ एक किसान बन गया? ये कहानी है चनका, बिहार के लेखक किसान, गिरीन्द्रनाथ झा की।

मुंबई के 300 छात्रों ने 2 साल तक हर रविवार साथ मिलकर काम किया और इस गाँव में बना दिये 107 शौचालय।

मुंबई के किशनीचन्द चेलाराम कॉलेज के छात्रों ने महाराष्ट्र के कारवाले गाँव में बना दिये 107 शौचालय

सतत विकास की और बढ़ते कदम: 15 ऐसे गाँव जिन्हें देखकर आपका मन करेगा अपना शहर छोड़ यहाँ बस जाने को!

कुछ ऐसे गाँव है जो पूरी तरह से आत्मनिर्भर है, साथ ही मानव जाति व प्रकृति के बीच किस तरह अद्भुत सामंजस्य बनाया जा सकता है,इसकी मिसाल पेश करते हैं।

इंग्लैंड में अपनी ऐशो-आराम की ज़िन्दगी छोड़, भारत के गाँवों को बदल रहे है ये युवा दंपत्ति!

By मानबी कटोच

इंग्लैंड में ऐशो आराम की ज़िन्दगी छोड़कर भारत वापस आये रूता और आशीष अब इस गाँव में शौचालय बनवाने के लिए आपकी मदद चाहते है. लिंक पर क्लिक करके योगदान करे.