1996 में बिहार से दिल्ली आये मनोज अपनी आजीविका चलाने के लिए अंडे व सब्जियाँ बेचा करते थे, लेकिन अपनी मेहनत और सही संगत ने मनोज को फर्श से अर्श तक पहुँचा दिया। पढ़िए उनकी यह प्रेरक कहानी।
बच्चों के साथ-साथ माता पिता को भी काउंसलिंग की आवश्यकता हो सकती है। यदि बच्चे में किसी प्रकार का असामान्य बदलाव या संवेदनशील स्थिति नज़र आये तो काउंसलिंग लेने में देर न करें।
इससे पहले छात्रों को एक साथ सिर्फ डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स की डिग्री हासिल करने की इजाजत थी, लेकिन अब छात्र एक ही समय में दो अलग-अलग डिग्री कोर्स कर सकेंगे।
2015 की सिविल सर्विस परीक्षा में 73 वां रैंक हासिल करने वाले शशांक मणि त्रिपाठी बता रहे हैं यूपीएससी की तैयारी के लिए नोट्स बनाने की सही रणनीति क्या होनी चाहिए!