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खून में प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) कम होने के कारण शरीर काफी कमजोर हो जाता है और कई बार यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। शरीर में प्लेटलेट्स अक्सर डेंगू, टायफायड, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी कई बीमारियों के कारण तेजी से घटती है। वहीं, कोरोना वायरस की चपेट में आए कुछ मरीजों में भी प्लेटलेट्स कम पाए जा रहे हैं।
इस विषय में बिहार के शेखपुरा जिला के जनरल सर्जन डॉ. रामनंदन सिंह कहते हैं, “शरीर में प्लेटलेट काउंट सामान्य रूप से 1.5 लाख से 4.5 लाख के बीच होनी चाहिए। यदि इसकी संख्या कम हो जाए, तो नाक, मुंह, मसूड़ा, शौच से खून आते लगते हैं।”
वह बताते हैं, “प्लेटलेट्स, शरीर में खून जमाने के काम में आता है। इसकी ज्यादा कमी से ब्रेन हेमरेज का भी खतरा रहता है और इससे लोगों की जान भी जाती है।”
डॉ. रामनंदन बताते हैं कि शरीर में प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) का स्तर जब नीचे गिरना शुरू होता है, तो तेजी से गिरता है और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। यदि प्लेटलेट्स का स्तर 20 हजार से कम हो जाए, तो स्थिति काफी खराब हो जाती है और उन्हें प्लेटलेट चढ़ाना पड़ता है। जो सिर्फ बड़े अस्पतालों में ही संभव है।
वह कहते हैं कि इसका स्तर जितनी तेजी से गिरता है, उतनी ही तेजी से बढ़ता भी है। उनके अनुसार, बीते 8-10 वर्षों में डेंगू के कारण प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) में कमी के काफी मामले सामने आने लगे हैं। लेकिन यह काफी पुरानी बीमारी है और यह मच्छरों के काटने के कारण होती है। बारिश के मौसम के बाद से नवंबर-दिसंबर तक इसके सबसे अधिक मामले सामने आते हैं।
प्राकृतिक तरीके से कैसे करें नियंत्रित
डॉ. रामनंदन कहते हैं, “आजकल प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीता के पत्ते का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक तथ्य तो नहीं है, लेकिन इसके फायदे का अनुभव मैंने भी किया है।”
वह कहते हैं, “वैसे तो पपीते के पत्ते को इस्तेमाल में लाने की सलाह आयुर्वेद के डॉक्टर देते हैं, लेकिन इसके असर को देखते हुए आजकल पपीते के रस से बने कई सिरप और टैबलेट आने लगे हैं और एलोपेथी में भी उसका खूब इस्तेमाल होता है।”
नीचे कुछ और घरेलू नुस्खे हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ा सकते हैं -
पपीता
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर पपीते की पत्तियों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। आप चाहें तो पपीते की नई पत्तियों का रस निचोड़ कर खाली पेट पी सकते हैं, नहीं तो इसे चाय की तरह उबाल कर भी पी सकते हैं। पपीते का पका फल भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर है।
गिलोय
गिलोय के जूस पीने से भी प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) से बढ़ता है। इससे आपकी इम्यूनिटी पावर बढ़ती है और बीमारियों का खतरा कम होता है। यही कारण है कि कोरोना काल में गिलोय की मांग में काफी तेजी आई है।
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गिलोय का स्वाद काफी कड़वा होता है। इसलिए उबालने के बाद उसमें हल्का सेंधा नमक या शहद भी मिलाया जा सकता है। इसका सेवन हर सुबह खाली पेट करें।
चुकंदर
चुकंदर में आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, सोडियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं और यह भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी कारगर है। इसका इस्तेमाल आप सलाद के साथ या फिर जूस के रूप में भी कर सकते हैं।
नारियल पानी
नारियल के पानी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के साथ ही अमीनो-एसिड, एंजाइम्स, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, मैग्निशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है और आपको हमेशा ताजगी से भरा रखता है।
यह शरीर में प्लेटलेट काउंट (Platelet Count) काफी तेजी से बढ़ाता है और डेंगू, मलेरिया जैसी कई बीमारियों में मददगार है।
पालक
पालक में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, विटामिन-सी, विटामिन-ए, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन ई जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर में खून के प्रवाह को संतुलित करने से लेकर आंख और पेट संबंधित बीमारियों में भी कारगर है।
पालक को सूप, सलाद या सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है।
बकरी का दूध
डेंगू से जूझ रहे लोग बकरी के दूध का काफी इस्तेमाल करते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, पोटैशियम और विटामिन डी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के साथ ही, इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाने में कारगर है।
अनार
अनार में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अनार का जूस पीने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। यह दिल और हड्डी से संबंधित बीमारियों में भी कारगर है।
हर दिन एक गिलास अनार का जूस पीने से खून में प्लेटलेट की संख्या (Platelet Count) नियंत्रित रहती है और आप कई बीमारियों से दूर रहेंगे।
मच्छरों से बचना सबसे जरूरी
डॉ. रामनंदन कहते हैं, “डेंगू, मलेरिया, टायफाइड जैसी बीमारियों से दूर रहने के लिए सबसे जरूरी है - मच्छरों से बचाव।”
वह कहते हैं, “अपने आस-पास हमेशा साफ-सफाई रखें और कहीं गंदे पानी को जमा न होने दें। इसके अलावा रात में सोते समय हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इस तरह आप घर में बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।”
वह अंत में कहते हैं कि शरीर से दूसरी बीमारियों के कारण भी खून निकल सकते हैं। इसलिए यदि किसी से साथ ऐसा हो, तो उन्हें तुरंत किसी डॉक्टर से चेक करवाना चाहिए।
संपादन- जी एन झा
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