अमरनाथ यात्रियों की बस दुर्घटनाग्रस्त हुई तो कर्फ्यू तोड़ कर बचाने पहुंचे कश्मीरी मुसलमान !

अमरनाथ यात्रियों की बस दुर्घटनाग्रस्त हुई तो कर्फ्यू तोड़ कर बचाने पहुंचे कश्मीरी मुसलमान !

किसी वक़्त जिस कश्मीर के नाम से ही चैन और सुकून का आभास होता था आज वहीँ से पिछले कुछ महीनों से कोई न कोई हिंसा और तनाव की खबर आ रही है। पर इन जख्मों के बीच भी दिलों में इंसानियत कायम है। इसी इंसानीयत और भाईचारे की मिसाल कायम की बिजबेहारा कस्बे के लोगों ने।

बुधवार को अनंतनाग जिले के बिजबेहारा में अमरनाथ यात्रियों को ले जा रही एक बस दूसरी ओर से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हिंसा रोकने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ था। इसलिए हादसे की जगह पर भी सन्नाटा ही था।

स्थानीय मुसलमानों ने जब यात्रियों की चीखें सुनी तो उनकी मदद के लिए भागे। वहीं उन्हें पानी और फर्स्ट-एड उपलब्ध कराया गया। हिंसाग्रस्त क्षेत्र में कर्फ्यू को तोड़ते हुए अपने निजी वाहनों में वे घायलों को अस्पताल ले गए।

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आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में हिंसा फैली हुई है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पिछले पाँच दिनों से फैली हिंसा में अब तक 34 लोग मारे जा चुके हैं। बिजबेहारा में भी दो लोगों की मौत हुई थी जिससे इलाके के लोग पहले ही मातम में थे।

मेरठ के एक यात्री पवन कुमार ने कश्मीर ऑब्ज़र्वर के संवाददाता को बताया, “ हमारे साथ यात्रीयों से भरे बसों का काफिला चल रहा था। लेकिन हमारी मदद के लिए कोई बस नहीं रूकी। हम इन कश्मीरियों के बहुत शुक्रगुजार हैं कि इन्होने तुरंत हमारी मदद की। इन लोगों ने न सिर्फ हमें अस्पताल पहुँचाया बल्कि इलाज के लिए पैसे भी दिए।“

एनजीओ “हेल्प पूअर ग्रुप” के लोगों ने भी घायलों की पूरी मदद की।
पुलिस ने घटना की पुष्टी की है। बस में कुल 30 लोग थे। घटना में ड्राइवर और एक तीर्थयात्री, प्रमोद कुमार की मौत हो गई। ड्राइवर हिलाल युसुफ मीर कश्मीर के काँगन इलाके के रहने वाले थे। बाकी 28 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

एक तीर्थ यात्री ए.के अरोड़ा ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना एक वीडिओ अपलोड किया है, इसमें वो कह रहे हैं,”अगर इंसानियत सीखना है तो कश्मीर के इन लोगों से सीखें। जब हमें हमारे ही साथ के यात्रियों ने अकेले छोड़ दिया तब इन कश्मीरियों ने हमारी मदद की।“

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इन लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि "ऐसा पहले भी कई बार हुआ है कि कश्मीरियों ने अपने दुखों को भूलकर दूसरों की रक्षा की है। मैं इनके इंसानियत, भाईचारे और संवोदना के लिए इन लोगों को सलाम करती हूँ। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे और भी उदाहरण देखने को मिलेंगे।“

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